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23 Sep 2021 · 1 min read

वह काठ का बना एक पुतला

वह काठ का बना
एक पुतला है
बिना भाव भंगिमाओं का
वह यही रूप धारण करे
रहता है जब
दूसरों की बारी आती है
जब खुद का स्वार्थ होता है
वह रबड़ की एक गेंद की
तरह उछलकर सीधे
क्षमा याचना करता हुआ
अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए
व्यक्ति विशेष के
पांव में गिर जाता है
मोम की तरह ऐसे पिघलने
लगता है कि जैसे कभी
यह काठ का बना ही नहीं था।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
457 Views
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