Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2019 · 1 min read

वर्षा ऋतु

वर्षा काल

गौर कभी घन श्याम घटाएँ तड़पत तड़ित प्रचंड।
बरसत घोर कभी बस झिमकत झूमत मारुत सङ्ग।।
तृषा मिटी जलती जगती की आह्लादित करे पवन।
जनजीवन को संकट में ज्यों प्राणदान का मिला वचन।।
धरा सजल है नव अंकुर से शस्य श्यामला रूप धरे।
समय चक्र के साथ बढ़े और स्वर्ण रूप धर धान्य भरे।।

–Anuj Pandey

Language: Hindi
2 Likes · 463 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
पूर्वार्थ
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जन कल्याण कारिणी
जन कल्याण कारिणी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मैं किताब हूँ
मैं किताब हूँ
Arti Bhadauria
"फ्रांस के हालात
*Author प्रणय प्रभात*
छू लेगा बुलंदी को तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है
छू लेगा बुलंदी को तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है
'अशांत' शेखर
* सुनो मास्क पहनो दूल्हे जी (बाल कविता)*
* सुनो मास्क पहनो दूल्हे जी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मन का महाभारत
मन का महाभारत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खुर्पेची
खुर्पेची
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"सनद"
Dr. Kishan tandon kranti
यह समय / MUSAFIR BAITHA
यह समय / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
करुणा का भाव
करुणा का भाव
shekhar kharadi
संस्कार
संस्कार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
शब्द क्यूं गहे गए
शब्द क्यूं गहे गए
Shweta Soni
गौतम बुद्ध है बड़े महान
गौतम बुद्ध है बड़े महान
Buddha Prakash
मैं होता डी एम
मैं होता डी एम"
Satish Srijan
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
Sanjay ' शून्य'
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
Dr. Alpana Suhasini
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
ruby kumari
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
The_dk_poetry
श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।
श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बेटी के जीवन की विडंबना
बेटी के जीवन की विडंबना
Rajni kapoor
शादी की अंगूठी
शादी की अंगूठी
Sidhartha Mishra
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
Neerja Sharma
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
जिंदगी और जीवन तो कोरा कागज़ होता हैं।
जिंदगी और जीवन तो कोरा कागज़ होता हैं।
Neeraj Agarwal
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...