Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2020 · 1 min read

वर्तमान।

ना जान सकें ना बदल सकें,
क्या भविष्य क्या अतीत है,

रह सकें तो वर्तमान में रहें,
इसी में जीवन की जीत है,

एक कल अभी आया नहीं,
और एक कल गया बीत है,

एक नज़र जो देखें ध्यान से,
वर्तमान ही सच्चा मनमीत है,

गुज़रा कल तो गुज़र गया,
क्यों भविष्य से मन भयभीत है,

एकमात्र हकीकत ये आज है,
कि वर्तमान एक मधुर संगीत है,

जवाब ये हर सवाल का है,
ये वर्तमान बहुत कमाल का है,

ना “अंबर” घबराइए कभी ना इतराइए कभी,
बस यही वर्तमान की रीत है ।

कवि-अंबर श्रीवास्तव

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 493 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
-------ग़ज़ल-----
-------ग़ज़ल-----
प्रीतम श्रावस्तवी
आपातकाल
आपातकाल
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-403💐
💐प्रेम कौतुक-403💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मात पिता को तुम भूलोगे
मात पिता को तुम भूलोगे
DrLakshman Jha Parimal
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
कवि रमेशराज
2840.*पूर्णिका*
2840.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
करवाचौथ
करवाचौथ
Neeraj Agarwal
नारी नारायणी
नारी नारायणी
Sandeep Pande
होली के मजे अब कुछ खास नही
होली के मजे अब कुछ खास नही
Rituraj shivem verma
Jannat ke khab sajaye hai,
Jannat ke khab sajaye hai,
Sakshi Tripathi
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
Atul "Krishn"
प्रेम का दरबार
प्रेम का दरबार
Dr.Priya Soni Khare
चोरबत्ति (मैथिली हायकू)
चोरबत्ति (मैथिली हायकू)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दिल दिया था जिसको हमने दीवानी समझ कर,
दिल दिया था जिसको हमने दीवानी समझ कर,
Vishal babu (vishu)
वोट की राजनीति
वोट की राजनीति
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कुंडलिनी छंद
कुंडलिनी छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
Ravi Prakash
फिर से तन्हा ek gazal by Vinit Singh Shayar
फिर से तन्हा ek gazal by Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
*हिन्दी बिषय- घटना*
*हिन्दी बिषय- घटना*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
इसरो का आदित्य
इसरो का आदित्य
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
पूर्वार्थ
"इंसानियत की लाज"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन में
जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
कि मुझे सबसे बहुत दूर ले जाएगा,
कि मुझे सबसे बहुत दूर ले जाएगा,
Deepesh सहल
संजय भाऊ!
संजय भाऊ!
*Author प्रणय प्रभात*
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
दिखता अगर फ़लक पे तो हम सोचते भी कुछ
दिखता अगर फ़लक पे तो हम सोचते भी कुछ
Shweta Soni
Loading...