वर्तमान परिपेक्ष्य मेंं*चीनियों को है दिखानी धार अब*
हो चुकीं बातें बहुत अब प्यार की।
बात अब हम कुछ करें अंगार की।
काम कुछ ऐसा स्वयं हम अब करें,
आंख खुल जाये सकल संसार की।
चीनियों को है दिखानी धार अब,
देश में आवाज है यल्गार की।
प्यार देखा है अभी तक हिंद का,
खुल गयी है आंख अब सरकार की।
फर्ज अब तुमको निभाना है “अटल”
रह गयी बात महज बहिष्कार की।