Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2020 · 1 min read

वन उपवन मृग भरें कुलांचें सुरभित मन्द समीर बहे।

वन/उपवन

वन उपवन मृग भरें कुलांचें ,
सुरभित मन्द समीर बहे।

चहुँ दिश फूल खिलें मनभावन,
प्रकृति छटा सर्वत्र रहे।
घिरे घटा घनघोर घनेरी
मगन मयूरा मस्त रहे

वन उपवन मृग भरें कुलांचें,
सुरभित मन्द समीर बहे।

दादुर झींगुर पपिहा बोले
तृषा तृप्त हो नीर बहे,
भव्य सुरम्य सुखद मनभावन
कल कल कलरव चहुँ ओर रहे

वन उपवन मृग भरें कुलांचें
सुरभित मन्द समीर बहे।

अनुराग दीक्षित

Language: Hindi
2 Comments · 417 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनुराग दीक्षित
View all
You may also like:
गुड़िया
गुड़िया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
Shakil Alam
भ्रम
भ्रम
Shiva Awasthi
"भूल जाना ही बेहतर है"
Dr. Kishan tandon kranti
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
" तार हूं मैं "
Dr Meenu Poonia
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
हँस लो! आज  दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
स्टेटस अपडेट देखकर फोन धारक की वैचारिक, व्यवहारिक, मानसिक और
स्टेटस अपडेट देखकर फोन धारक की वैचारिक, व्यवहारिक, मानसिक और
विमला महरिया मौज
कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ,
कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ,
Sanjay ' शून्य'
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
सुनो तुम
सुनो तुम
Sangeeta Beniwal
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जवान वो थी तो नादान हम भी नहीं थे,
जवान वो थी तो नादान हम भी नहीं थे,
जय लगन कुमार हैप्पी
मईया के आने कि आहट
मईया के आने कि आहट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
इश्क में हमसफ़र हों गवारा नहीं ।
इश्क में हमसफ़र हों गवारा नहीं ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
*
*"अवध में राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
*सेब (बाल कविता)*
*सेब (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मक़रूज़ हूँ मैं
मक़रूज़ हूँ मैं
Satish Srijan
फिर मिलेंगें
फिर मिलेंगें
साहित्य गौरव
शेर
शेर
SHAMA PARVEEN
प्रकृति
प्रकृति
Mukesh Kumar Sonkar
अरमानों की भीड़ में,
अरमानों की भीड़ में,
Mahendra Narayan
No one in this world can break your confidence or heart unle
No one in this world can break your confidence or heart unle
Sukoon
ONR WAY LOVE
ONR WAY LOVE
Sneha Deepti Singh
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
Ram Krishan Rastogi
Loading...