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1 Oct 2016 · 1 min read

वतन

उस वक़्त का इन्तजार है जब वतन में खुशहाली होगी,
पतझर हो या सावन, हर मौसम हरियाली होगी,
न दिन में तपन होगी,न रात काली होगी,
हर दिन होली हर रात दिवाली होगी।

हर दिल में देश का,इस चमन का सम्मान होगा,
जहां भर की इबारतों में हिन्दोस्तां का नाम होगा,
सोने चांदी के ख़्वाब न देखे है, न देखेंगे,
गरीबी का हिन्द से काम बस तमाम होगा।

उस वक़्त का इन्तजार है जब हर चेहरे पर लाली होगी,
भूख मिटाने की खातिर किसी की जेब न खाली होगी,
न दिन में तपन होगी, न रात काली होगी,
हर दिन होली हर रात दिवाली होगी।

Language: Hindi
562 Views
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