Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2016 · 3 min read

*वक्त है बेटी सम्भल जा अभी भी *

*वक्त है बेटी सम्भल जा अभी भी *
दिल का महकमा कुछ कह रहा है ।
नहीं पता ये लड़कियां जींस टॉप पर क्यों मरती है ।
पर लगती सूट सलवार में लड़की असल में लड़की,
जिसे मेरी नजरें झुककर सलाम करती हैं।
जीन्स टॉप तो होता है आँखों का घर्षण
सूट सलवार में ही होता , हमारी सभ्यता का दर्शन
गज की गुंधवीं चोटी की रौनक , स्ट्रेट बालों में कहाँ होती है ।
जो करती इस तरह का पहनावा , चर्चा हर अच्छे किस्से में होती है।
आँचल तेरा नहीं बहन , वासना का आधार ।
ढक दुपट्टे से इसे , ले अपना रूप सँवार ।
कुछ पंक्तियों के माध्यम से मैंने , अपने रखें हैं विचार ।
करना बहनों मेरे तर्क पर तुम , दिल से सोच विचार ।
आईने के सामने जाकर , देख तो मेरी पगली बहना ।
फिर लगे पता तुझे , गलत है या सही मेरा कहना ।
अगर आये पसन्द तुझे , ये बताया सोभर रूप
अपना और पहुंचा आगे भी , मेरे इन शब्दों की गूँज
रहने वाले है हरियाणा के , करते सलाम हम पंजाब को भी
यही पहनावा बने पूरे भारत का , यही है मेरे ख्वाब भी
सूट सलवार का जीन्स क्या करे मुकाबला
बेशक आजकल बेटी का इस ओर चल पड़ा काफिला
इस विदेशी नाच में नाच रही बेटी
होता अच्छा अगर संस्कृति न खोती
एक आवाज मेरी माँ को भी है , अपनी बेटियों को समझाएं
खुद भी करे शुरू लेना दुप्पटा , बेटियों को भी आँचल ढकना सिखाएं।
रोब तेरी सुंदरता की रौनक का , सूट सलवार में भी होगा ।
करके देख शुरू ये पहनावा , गलत न बिलकुल ये कहना होगा ।
घूंघट का लेने का नहीं है मेरा कहना ,
पर जो पहचान थी भारत की , मत इसे तुम हर हाल में खोना
अभी भी वक्त है सम्भल जा बेटी , बात देश की आन की
बन जा मूरत सादगी की बहना , दिखा फिर से पहचान हिंदुस्तान की ।
लिखे है काफी कड़वे सच , पर लड़की के बढ़ते कदम पर न दाग बने
करे तरक्की बेटी जी भर के , बड़ा उसका नाम और बड़े उसके भाग बने
उस मजबूर बाप को भी देखा मैंने , जो बेब्स है लड़की को कुछ कहने में
दम घुटता है उस बाप का , ये नंगापन बेटी का सहने में
हो अगर गलत वास्तव में तो , दिल से उतार देना ।
अगर लगे दम इस कड़वे सच में , कुछ बहनों को भी ये विचार देना
मेरी सोच लड़कियों को जीन्स टॉप रोकने की नहीं बल्कि उन्हें सूट सलवार और बालों की गुत बनाकर जो उनमें सभ्य सुंदरता आती है उसके बारे में केवल महसूस कराना है । इसे पढ़ने के बाद भी आप बेशक जीन्स ही पहने । क्योंकि वो ही अपनाएगी जो इस सन्देश को गहरायी से समझ पायेगी।
मेरी पोस्ट का एक एक दर्शक कीमती है । अपनी प्रतिक्रिया कमेंट के रूप में देकर लेखक को प्रोत्साहित करें । जिससे मेरे लेखन में निखार आये।
जागृति के इस आह्वान को अपनी timeline पर भी शेयर कर सहयोग की गति बना सकते हैं । मेरी सभी रचनाओं का आनंद लेने के लिए पेज लाइक कर सकते हैं एवम् मुक्त रूप से सभी अपने विचार रखने के लिए आमन्त्रित हैं ।
© कृष्ण मलिक 21.06.2016 and revised on 25.08.2016

Language: Hindi
858 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from कृष्ण मलिक अम्बाला
View all
You may also like:
वेलेंटाइन डे समन्दर के बीच और प्यार करने की खोज के स्थान को
वेलेंटाइन डे समन्दर के बीच और प्यार करने की खोज के स्थान को
Rj Anand Prajapati
मूल्य वृद्धि
मूल्य वृद्धि
Dr. Pradeep Kumar Sharma
।। गिरकर उठे ।।
।। गिरकर उठे ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
निरंतर खूब चलना है
निरंतर खूब चलना है
surenderpal vaidya
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
Neelam Sharma
"तलाश"
Dr. Kishan tandon kranti
राम दर्शन
राम दर्शन
Shyam Sundar Subramanian
गौरवशाली भारत
गौरवशाली भारत
Shaily
दिल का दर्द💔🥺
दिल का दर्द💔🥺
$úDhÁ MãÚ₹Yá
जरूरत
जरूरत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्षितिज के उस पार
क्षितिज के उस पार
Suryakant Dwivedi
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD CHAUHAN
सुना है सपने सच होते हैं।
सुना है सपने सच होते हैं।
Shyam Pandey
#वंदन_अभिनंदन
#वंदन_अभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
,,,,,,,,,,?
,,,,,,,,,,?
शेखर सिंह
ज्ञान का अर्थ
ज्ञान का अर्थ
ओंकार मिश्र
🌸हास्य रस घनाक्षरी🌸
🌸हास्य रस घनाक्षरी🌸
Ravi Prakash
देश के वासी हैं
देश के वासी हैं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
Kumar lalit
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था
Shweta Soni
3142.*पूर्णिका*
3142.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*जय माँ झंडेया वाली*
*जय माँ झंडेया वाली*
Poonam Matia
भ्रष्टाचार और सरकार
भ्रष्टाचार और सरकार
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
" भाषा क जटिलता "
DrLakshman Jha Parimal
हम भी अगर बच्चे होते
हम भी अगर बच्चे होते
नूरफातिमा खातून नूरी
💐अज्ञात के प्रति-122💐
💐अज्ञात के प्रति-122💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
Swami Ganganiya
दर्द आँखों में आँसू  बनने  की बजाय
दर्द आँखों में आँसू बनने की बजाय
शिव प्रताप लोधी
हुकुम की नई हिदायत है
हुकुम की नई हिदायत है
Ajay Mishra
Loading...