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30 Mar 2020 · 1 min read

वक्त मिला है

वक्त का पहिया घूम के जैसे बीते कल पर आया है
दौड़ रही दुनिया को वक्त ने घर में आज बिठाया है,

भाग – भाग सब सोच रहे थे हमने बहुत कमाया है
वक्त ने हमको बता दिया है क्या खोया क्या पाया है,

खोल के पिंजरे पंछी को उन्मुक्त गगन में रहने दें
झील, झरने और नदियों को निर्मल, निर्झर बहने दें,

वक्त मिला है हमको अपनों के संग समय बीताने का
वक्त मिला है धरा को भी कुछ दिन तक सुस्ताने का,

वक्त मिला है भौरों को फिर फूलों पर मंडराने का
वक्त मिला है गुल को गुलशन में खिलके मुरझाने का

वक्त मिला है रफ्तारों पर कुछ पल रोक लगाने का,
वक्त मिला है जीवन को एक सही दिशा में लाने का,

मुश्किल वक्त हमे शायद कुछ सिखलाने आया है,
जीवन की सच्चाई दुनिया को दिखलाने आया है,

वक्त ने फिर से बता दिया है वक्त से ना बलवान कोई
वक्त ने इस पल वक्त बदल कर वक्त है क्या समझाया है….

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 249 Views
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