** वक्त बदल गया*हमको कुछ बल दिया**
वक्त बदल गया, बहुत कुछ बदल गया।
गुजरा लगभग पूरा वर्ष !
कोरोना से हर दिल दहल गया।।
शिक्षा रुकी व्यापार थमा।
देश फिर भी संभल गया।।
सुना जब पहली बार नाम को रोना।
हम ही क्या, विश्व सारा मचल गया।।
देखते ही देखते,
दो हजार बीस चल दिया।
इक्कीस ने आकर ,
हमको कुछ बल दिया।।
देश के शोधकर्ताओं ने,
देश को दवाई रूपी हल् दिया।।
धीरे-धीरे ही सही,
लग जाएगा सबको टीका ।
और,
यह जो संकट है को रोना ।
एक दिन हो जाएगा फीका।।
फिर से हम खड़े होंगे।
लक्ष्यों पर अपने अड़े होंगे।
दौड़ेगा जीवन सरपट,
बदलते वक्त के साथ।
मंजिलें “”अनुनय,””
अपनी अपनी पा लेंगे।।
राजेश व्यास अनुनय