Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2017 · 1 min read

लौट के आ जाओ तुम

लौट के आ जाओ तुम मुझपर ये रहम कर दो
मुश्किलहै तुम बिन जीना नजर एकइधर कर दो

ना धड़कन चलती है हुई सांसे भी मद्धम
चुप रह कर देख लिया घुटता जाता है दम
झलक एक दिखाकर मुझपे अहसान जरा कर दो

खुश रहता हूँ मैं तब होती हो जब तुम संग
अब भूल गया जीना हुई जिन्दगी भी बेरंग
कहीं जल ना जाए ये तन मिलकर शीतल कर दो

तुम रहती हो जब पास मन फूल सा खिलता है
बिन तेरे सावन भी मुझे पतझड़ लगता है
ले जाओ तुम जान मेरी कम बोझ मेरा कर दो

Language: Hindi
Tag: गीत
390 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
कवि रमेशराज
सूरज
सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
2513.पूर्णिका
2513.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सम्मान से सम्मान
सम्मान से सम्मान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तू मेरे सपनो का राजा तू मेरी दिल जान है
तू मेरे सपनो का राजा तू मेरी दिल जान है
कृष्णकांत गुर्जर
उसकी करो उपासना, रँगो उसी के रंग।
उसकी करो उपासना, रँगो उसी के रंग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रेम और पुष्प, होता है सो होता है, जिस तरह पुष्प को जहां भी
प्रेम और पुष्प, होता है सो होता है, जिस तरह पुष्प को जहां भी
Sanjay ' शून्य'
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
डी. के. निवातिया
मंजिल तक का संघर्ष
मंजिल तक का संघर्ष
Praveen Sain
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
रंगीन हुए जा रहे हैं
रंगीन हुए जा रहे हैं
हिमांशु Kulshrestha
जिस देश में लोग संत बनकर बलात्कार कर सकते है
जिस देश में लोग संत बनकर बलात्कार कर सकते है
शेखर सिंह
हकीकत
हकीकत
dr rajmati Surana
नहीं हूं...
नहीं हूं...
Srishty Bansal
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
अजहर अली (An Explorer of Life)
वो कहते हैं की आंसुओ को बहाया ना करो
वो कहते हैं की आंसुओ को बहाया ना करो
The_dk_poetry
ख़ुदा करे ये क़यामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
ख़ुदा करे ये क़यामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
surenderpal vaidya
झर-झर बरसे नयन हमारे ज्यूँ झर-झर बदरा बरसे रे
झर-झर बरसे नयन हमारे ज्यूँ झर-झर बदरा बरसे रे
हरवंश हृदय
इस बार
इस बार "अमेठी" नहीं "रायबरैली" में बनेगी "बरेली की बर्फी।"
*Author प्रणय प्रभात*
हर एक भाषण में दलीलें लाखों होती है
हर एक भाषण में दलीलें लाखों होती है
कवि दीपक बवेजा
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
मां का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है♥️
मां का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है♥️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*मन का समंदर*
*मन का समंदर*
Sûrëkhâ Rãthí
जिंदगी को रोशन करने के लिए
जिंदगी को रोशन करने के लिए
Ragini Kumari
मुस्कानों की बागानों में
मुस्कानों की बागानों में
sushil sarna
*द लीला पैलेस, जयपुर में तीन दिन दो रात्रि प्रवास : 26, 27, 28 अगस्त 202
*द लीला पैलेस, जयपुर में तीन दिन दो रात्रि प्रवास : 26, 27, 28 अगस्त 202
Ravi Prakash
सत्य की खोज
सत्य की खोज
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...