Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2020 · 1 min read

लौक डाउन [ताला बंदी] मेरे सपने में आया !

लौक डाउन मेरे सपने में आया!
आकर उसने मुझे बताया!!
मुझे अभी रुकने को कहा गया है!
काम नहीं पुरा हुआ है!!
तू तो चाहता था,मैं चला जाऊँ!
मुझे कहा जा रहा,मैं यहीं ठहर जाऊँ!!
लोग मुझ को तो जरूर मानेगें !
जो नही डरे वह मार खाएंगे !!
जो आ रहे हैं सड़कों पर !
कोरोना अटैक कर रहा उन पर!!
अपने को जो बड़ा माने!
आए कौन उन्हें बचाने!!
देख लिया जमातियों के हालात!
झेल रहे वह अपने ही जजबात !!
बरती उन्होंने है लापरवाही !
हो रही हैअब जग हँसाई!!
फिर भी नहीं जो तुम समझ रहे हो?
दिशा-निर्देश. से खेल रहे हों!!
अब भी हुए ना जो तुम राजी!
झेलोगे अब मुकदमे बाजी !!
गलत आचरण हो तुम अपनाते!
माँ-बहन से भी ना शर्मातेे !
तुम्हारे हित में जो काम हैं आते!
तुम उन्हें ही मारने को जाते !!
कितना यह संक्रमण है बढाया!
अब भी तुम्हारे समझ नही आया!!
हर रोज मरीजों की बढ़ती संख्या है!
मरने वालों का भी बढ़ रहा आँकड़ा है!!
अब मुझे और सख्ती से रहना है!
घर पर ही अब तुम्हें ठहरना है!!
ना माने तो बहुत पछताओगे!
अब घरों से बाहर नहीं निकल पाओगे!!
करते रहे हो अभी तक हौच-पौच!
हमने बना दिए हैं तुम्हारे लिए हौट-स्पौट!!
अब भी कहते हैं मान लो ये बात!
घर पर रह कर करलो कुछ काज !!
तभी सबके प्राण बचेंगे !
वर्ना सब असमय ही बे मौत मरेंगे !!
आँख खुली तो मैंने यह पाया!
रात में मुझे यह सपना आया!!
उसने मुझे यह सब समझाया!
लौक डाउन मेरे सपने में आया!!

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 564 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jaikrishan Uniyal
View all
You may also like:
जब आसमान पर बादल हों,
जब आसमान पर बादल हों,
Shweta Soni
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
नज़रें बयां करती हैं, लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं, लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
क्रिकेट
क्रिकेट
SHAMA PARVEEN
"शेष पृष्ठा
Paramita Sarangi
#हाइकू ( #लोकमैथिली )
#हाइकू ( #लोकमैथिली )
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"कवियों की हालत"
Dr. Kishan tandon kranti
■ जंगल में मंगल...
■ जंगल में मंगल...
*Author प्रणय प्रभात*
ला-फ़ानी
ला-फ़ानी
Shyam Sundar Subramanian
शुभ होली
शुभ होली
Dr Archana Gupta
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
!! होली के दिन !!
!! होली के दिन !!
Chunnu Lal Gupta
श्याम दिलबर बना जब से
श्याम दिलबर बना जब से
Khaimsingh Saini
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
Arghyadeep Chakraborty
You can't AFFORD me
You can't AFFORD me
Vandana maurya
2768. *पूर्णिका*
2768. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आदित्य यान L1
आदित्य यान L1
कार्तिक नितिन शर्मा
गुमनाम राही
गुमनाम राही
AMRESH KUMAR VERMA
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
Ranjeet kumar patre
न दिखावा खातिर
न दिखावा खातिर
Satish Srijan
शिष्टाचार एक जीवन का दर्पण । लेखक राठौड़ श्रावण सोनापुर उटनुर आदिलाबाद
शिष्टाचार एक जीवन का दर्पण । लेखक राठौड़ श्रावण सोनापुर उटनुर आदिलाबाद
राठौड़ श्रावण लेखक, प्रध्यापक
अक़्सर बूढ़े शज़र को परिंदे छोड़ जाते है
अक़्सर बूढ़े शज़र को परिंदे छोड़ जाते है
'अशांत' शेखर
यदि  हम विवेक , धैर्य और साहस का साथ न छोडे़ं तो किसी भी विप
यदि हम विवेक , धैर्य और साहस का साथ न छोडे़ं तो किसी भी विप
Raju Gajbhiye
नेता अफ़सर बाबुओं,
नेता अफ़सर बाबुओं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आंखों से अश्क बह चले
आंखों से अश्क बह चले
Shivkumar Bilagrami
सन्यासी
सन्यासी
Neeraj Agarwal
धर्मगुरु और राजनेता
धर्मगुरु और राजनेता
Shekhar Chandra Mitra
श्री रामलला
श्री रामलला
Tarun Singh Pawar
Loading...