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11 Feb 2021 · 2 min read

लो राजीव कपूर भी छोड़कर चले गए

ग्रेट शोमैन राज कपूर के मंझले बेटे ऋषि कपूर (30 अप्रैल 2020) को गए अभी सालभर भी नहीं गुज़रा था कि राज कपूर के सबसे छोटे सुपुत्र राजीव कपूर (9 फ़रवरी 2021) भी हमें छोड़कर चले गए।

राजीव का फ़िल्मी और आर्थिक जीवन डांवाडोल ही रहा। हालाँकि दो दर्ज़न से अधिक फ़िल्में उनके नाम हैं। जिसमें से कई हिट रही; कई पिट गई। फ़िल्मों में अभिनेता के तौर पर आने से पूर्व राजीव कपूर ने बतौर सह-निर्देशक बीवी-ओ-बीवी (1981; रणधीर कपूर) व प्रेम रोग (1982; ऋषि कपूर) से जुड़कर अभिनय की बारीक़ियाँ समझीं। ‘एक जान हैं हम’…. (1983) उनकी डेब्यू फ़िल्म थी जो औसत दर्ज़े की फ़िल्म रही। इसके बाद कई और फ़िल्में भी आईं। जैसे:— प्लाज्मा (1984); मेरा साथी ‘(1985); लावा (1985); ज़बरदस्त (1985)… जो बॉक्स ऑफ़िस पर ज़ियादा धमाल नहीं कर सकीं। उन्होंने 1985 में अपने पिता की अंतिम निर्देशित फिल्म “राम तेरी गंगा मैली” ने एक बड़ा ब्रेक दिया। जो सुपर-डुपर हिट रही। यह नायिका प्रधान फ़िल्म थी। जिसका श्रेय मन्दाकिनी को मिला।

ख़ैर आगे जाकर राजीव ने कई और फ़िल्मों में काम किया लेकिन वो सफलता प्राप्त नहीं कर पाए। उसके बाद लवर बॉय (1985); प्रीति (1986); हम तो चले परदेश ‘(1988); ज़लज़ला (1988); शुक्रिया (1988); नाग नागिन ‘(1989); ज़िम्मेदार ‘(1990) अभिनेता के रूप में प्रदर्शित हुई मगर इनसे उन्हें कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। उन्होंने निर्माता और निर्देशन के तौर पर नई पारी खेली। बतौर निर्माता “आ अब लौट चलें” (1999); ‘प्रेम ग्रंथ’ (1996; निर्देशक व कार्यकारी निर्माता) तथा ‘हिना’ (1990; कार्यकारी निर्माता) रहे। उनका फ़िल्मी ग्राफ़ हर आने वाली फ़िल्म के साथ गिरता रहा। उनके बड़े भाई रणधीर कपूर और स्वर्गीय ऋषि कपूर भी बॉलीवुड के बड़े अभिनेता थे। लेकिन छोटे भाई के कैरियर को पार न लगा सके।

राजीव कपूर के बड़े चाचा शम्मी कपूर और छोटे चाचा शशि कपूर भी अपने वक़्त के मंझे हुए अभिनेता रहे। पिता राजकपूर ने तो अभिनय, निर्माण व निर्देशन (तीनों ही क्षेत्रों में) इतिहास रचा था। राजीव कपूर के दादाजी पृथ्वीराज कपूर भी अच्छे अभिनेता थे और जो पृथ्वी थियेटर के संस्थापक भी थे।

सब कुछ आशा-निराशा, ख़ुशी-ग़म, मीठी-कड़वी यादों के साथ इस फ़िल्मी अभिनेता का जीवन ठीकठाक कट रहा था। जाने कौन-सा ग़म था कि, 9 फरवरी 2021 को 58 वर्ष की आयु में मुंबई में घर पर ‘दिल का दौरा’ पड़ने से राजीव कपूर जी की मृत्यु हो गई। उन्हें उनके निवास के पास, चेंबूर के अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। ईश्वर उनकी अतृप्त आत्मा को शान्ति दे।

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 2 Comments · 303 Views
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