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26 Jan 2017 · 1 min read

लो मिलन की रात आई

?मनोरम छंद?

लो मिलन की रात आई!
प्रेम की बरसात लाई!
भीगतें हैँ तन हमारे!
साजना तुमको पुकारें!

चाँदनी छुपने लगी है!
सेज भी सजने लगी है!
बोल दो दो बोल प्यारे!
मूँद लूँ मैं नैन कारे!

हूँ अधूरी बिन तुम्हारे!
बाँसुरी सा तन पुकारे!
थरथराते लव कहेंगें!
अब जुदाई क्यूँ सहेंगें!

?”श्री”?

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 384 Views
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