लोग ये क्या कर रहे
लोग ये क्या कर रहे
सत्य के नाम पर कितना ढोंग
धतूरा कर रहे।।।
लोग झूठ पाप की गठरी को कैसे
बांध रहे
आंदोलन कर करके देश मे ,,
हिंसा की आग समाज मे फैला रहे,,,,
प्यार इश्क में नारियों को फंसा कर
लोग बलात्कार को अंजाम दे रहे,,,,,
गंदी राजनीति कर समाज मे चारो ओर,,,,,
गरीब जनता का वोट नेता लोग
हड़प रहे।।।
जाति और धर्म के नाम पर देश को,,,,
लोग चने डालकर आपस मे लड़वा रहें।।।।।
सिंहासन पर बैठे राजा को राज गद्दी से
गिरने को पुर जोर लगा रहे।।।
लोग आपस मे अनेक पार्टियों से गठबंधन
कर रहे।।।।।।
आतंकवादी गद्दारो से अंदर ही अंदर हाथ मिलाकर,,,,,,।।
लोग अपने ही देश को भीतर से खोखला
कर रहें।।।।।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक दुश्मनो की
नजरें गड़ी है ।।।।।
लोग दुश्मनों के मंसूबों को क्यों नही
समझ रहे।।।।।।।।।
चीनी सामान को खरीद कर अपने घर
मे सजा रहे।।।।।
अपने वीर जवानों के प्रति लोग क्यों नही देशभक्ति कर्तव्य निभा रहे।।।।
ये बोने चीनी जिनकी आँखे चिड़ियों से
भी छोटी है।।।।
फिर भी हमे ये लोग आँखे दिखा रहे।।।।
वो आतंकवादी पाकी लोग सीमापार से गोली बारूद हम फेंक रहे,,,,,,,।।।
कुछ हमारे देश के ना मुराद लोग उन्ही
से हाथ मिला रहे।।।।
रचनाकार गायत्री चौधरी
कॉपीराइट सुरक्षित
मो.7772931211