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25 Nov 2019 · 1 min read

लोगो के ज़मीर पर धूल बहुत है –आर के रस्तोगी

बारिश हो जाये,गर्मी तो बहुत है |
लोगो के जमीर पर,धूल बहुत है ||

लगता है गुलाब सभी को अच्छा |
पर उसके दामन में सूल बहुत है ||

जिन्दगी जीते है,लोग अपने हिसाब से |
पर जिन्दगी जीने के लिये रूल बहुत है ||

भूल जाता है,इंसान अपनी भूलो को |
पर हर जिन्दगी में तो भूल बहुत है ||

क्यों तोड़ते है लोग फूल अपनी पसंद का |
जबकि इस गुलशन में तो फूल बहुत है ||

सोते है सभी खाट पर आराम के लिये |
पर कभी सोचा है,खाट में चूल बहुत है ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)

2 Likes · 1 Comment · 257 Views
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