Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 1 min read

लोकतंत्र की अवाम

यूं हक लोकतंत्र का अता होता ही रहा l
रोशनी मिलती रही घर जलता ही रहा ll

जड़ों में थी दीमक हवा में धुंआ भी l
ऐसे पौधे को लहू से सीचता ही रहा ll

सागर की कुछ मछलियां सागर ही पी गईl
साथ पतवार फिर भी किनारे ही रहाll

वह अब भी करता है दावा रहनुमा होने काl
जो कुबेर की राजधानी में भटकता ही रहा ll

देश की अवाम “सलिल” बकरा हलाल का l
कोई न कोई गर्दन पर छुरी चलाता ही रहा ll

संजय सिंह “सलिल ”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश ll

328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*तू एक फूल-सा*
*तू एक फूल-सा*
Sunanda Chaudhary
जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए।
जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए।
Dr MusafiR BaithA
मैं और मेरा
मैं और मेरा
Pooja Singh
आज देव दीपावली...
आज देव दीपावली...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सर्जिकल स्ट्राइक
सर्जिकल स्ट्राइक
लक्ष्मी सिंह
तुम मेरे हो
तुम मेरे हो
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
■ आज का शेर...।
■ आज का शेर...।
*Author प्रणय प्रभात*
सांच कह्यां सुख होयस्यी,सांच समद को सीप।
सांच कह्यां सुख होयस्यी,सांच समद को सीप।
विमला महरिया मौज
Ye sham adhuri lagti hai
Ye sham adhuri lagti hai
Sakshi Tripathi
रात के अंधेरे में नसीब आजमाना ठीक नहीं है
रात के अंधेरे में नसीब आजमाना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*साँस लेने से ज्यादा सरल कुछ नहीं (मुक्तक)*
*साँस लेने से ज्यादा सरल कुछ नहीं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सुनों....
सुनों....
Aarti sirsat
क्या रखा है???
क्या रखा है???
Sûrëkhâ Rãthí
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
अर्ज किया है
अर्ज किया है
पूर्वार्थ
खुश वही है , जो खुशियों को खुशी से देखा हो ।
खुश वही है , जो खुशियों को खुशी से देखा हो ।
Nishant prakhar
💐प्रेम कौतुक-504💐
💐प्रेम कौतुक-504💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
Vishal babu (vishu)
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
* सामने बात आकर *
* सामने बात आकर *
surenderpal vaidya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Started day with the voice of nature
Started day with the voice of nature
Ankita Patel
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
संजय कुमार संजू
मुहब्बत  फूल  होती  है
मुहब्बत फूल होती है
shabina. Naaz
3209.*पूर्णिका*
3209.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
राधा अष्टमी पर कविता
राधा अष्टमी पर कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...