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10 May 2020 · 2 min read

लेख

अभियंता श्रेष्ठ अंबरीष जी एक विलक्षण व्यक्तित्व,
संस्मरण

अंबरीष जी से मेरी भेंट अचानक हिंदी सभा के वार्षिक उत्सव समारोह में हिंदी सभा के द्वार पर हुयी थी ।मैं नया-नया हिंदी सभा का आजीवन सदस्य बना था ।मुझे विश्वास ही नहीं हुआ, कि हिंदी भाषा एवं व्याकरण का धनी ये व्यक्तित्व इतना सरल व सहज होगा। इंजीनियर साहब सीतापुर के समृद्ध आर्किटेक्ट होते हुए भी उन्हें अहम छू तक नहीं गया ।

मैंने प्रथम परिचय देते हुए उनसे मित्रता की याचना की ।उन्होंने सहज स्वीकार कर लिया। हिंदी व्याकरण व छंद शास्त्र के प्रकांड विद्वान इंजीनियर साहब ,हिंदी सभा के मंत्री की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं।
प्रथम भेंट में उन्होंने मुझपर कविता रच कर मुझे हतप्रभ कर दिया, और इस भेंट को अविस्मरणीय बना दिया ।मुझे आभास हुआ आशु कवि मेरे समक्ष खड़े हैं ।शिव भक्त अंबरीष जी अपना पूरा परिचय इंजीनियर अंबरीष श्रीवास्तव अंबर के रुप में देते हैं ।सत्य है ,उनका कवि ह्रदय अंबर की तरह विशाल एवं निर्मल है ।

नव युवा कवियों के लिए मार्गदर्शक एवं अग्रज की भूमिका में अंबरीष जी अप्रतिम है। उनके द्वारा शिक्षित कवियों में मेरा नाम अग्रणी पंक्ति में है ।स्नेह व आदर से वे मुझे अपना अग्रज मानते हैं। जो मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है अंम्बरीषजी की रचना धर्मिता प्रणम्य है ।शब्दों का विशाल कोष उनके पास है ।संस्कृत निष्ठ भाषा, खड़ी बोली, अवधी भाषा में उन्हें समान अधिकार है।वे सभी की समस्याओं का समाधान चुटकी बजाते करते हैं ।
मेरा दोहे पर प्रथम मार्गदर्शन करते हुए वे कहते हैं कि उनकी साहित्यिक यात्रा का आरंभ दोहे लिख कर हुआ था।तब मुझे अनायास शरद पा ऋषि का ध्यान आ जाता है ।

अनेकानेक उपाधि व सम्मान के धनी अंम्बरीष जी अपने कर्तव्य पथ पर सदैव अग्रसर रहें।अनवरत साहित्य साधना रत रहें। हम उनके मार्गदर्शन व अग्रज होने का सम्मान पाकर कृतकृत्य हैं ।ईश्वर उन्हें शतायु करें ।मां शारदा से प्रार्थना है कि, वे अपना वरद हस्त सदैव आप जैसे योग्य मनीषी कवि पर बनाये रखें।
सादर

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव” प्रेम”
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी ब्लड बैंक
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।उ.प्र.

Language: Hindi
Tag: लेख
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