Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2021 · 1 min read

लेखन

सीरत लेखन है वही, जग संदेशा जाय
वरना तो अल्फाज़ हैं, हिरदे नहीं समाय
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

Language: Hindi
1 Like · 420 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आईने में अगर
आईने में अगर
Dr fauzia Naseem shad
रे मन
रे मन
Dr. Meenakshi Sharma
हर पति परमेश्वर नही होता
हर पति परमेश्वर नही होता
Kavita Chouhan
సమాచార వికాస సమితి
సమాచార వికాస సమితి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
मानवता
मानवता
Rahul Singh
चाँद तारे गवाह है मेरे
चाँद तारे गवाह है मेरे
shabina. Naaz
2320.पूर्णिका
2320.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
यथार्थ
यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
ये सफर काटे से नहीं काटता
ये सफर काटे से नहीं काटता
The_dk_poetry
मानव जीवन में जरूरी नहीं
मानव जीवन में जरूरी नहीं
Dr.Rashmi Mishra
जय महादेव
जय महादेव
Shaily
बचपन
बचपन
नन्दलाल सुथार "राही"
-- मौत का मंजर --
-- मौत का मंजर --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
Awadhesh Kumar Singh
बुद्ध के संग अब जाऊँगा ।
बुद्ध के संग अब जाऊँगा ।
Buddha Prakash
सुभाष चंद्र बोस जयंती
सुभाष चंद्र बोस जयंती
Ram Krishan Rastogi
*कविता कम-बातें अधिक (दोहे)*
*कविता कम-बातें अधिक (दोहे)*
Ravi Prakash
ਧੱਕੇ
ਧੱਕੇ
Surinder blackpen
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
Arvind trivedi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
गलतियाँ हो गयीं होंगी
गलतियाँ हो गयीं होंगी
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
हारता वो है जो शिकायत
हारता वो है जो शिकायत
नेताम आर सी
तुम न जाने कितने सवाल करते हो।
तुम न जाने कितने सवाल करते हो।
Swami Ganganiya
हथियार बदलने होंगे
हथियार बदलने होंगे
Shekhar Chandra Mitra
नफ़रत
नफ़रत
विजय कुमार अग्रवाल
गर्मी आई
गर्मी आई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...