लेखनी
लेखक कुछ
लिखते हैं
क्या लिखते हैं
क्यों लिखते है
किसलिए
लिखते है
चातक ही जाने
एक बूंद
पानी की कीमत
किल्लत समझ आती है,
जरूरतें पूरी न हो,
व्याकुलता छा जाती है.
इसलिये
पाठक लिखने को
पूरी उसे करने को
लेखक लिखते है.
लेखक कुछ
लिखते हैं,
लिखते ही रहते हैं
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस