लेकर आये हम
लेकर आये हम
धड़कनों को प्यार के पैगाम तक लेकर गये हम तुम।।।।।।।
हर इक आगाज़ को अंजाम तक लेकर गये हम तुम।।
तय हमें करना था जो ये जिंदगी का इक सफर ।।
इस सफर को तुम्हारे नाम तक लेकर गये हम तुम।।।।
रोज चाहत की नही इबारत लिखरहे है,,,,,
इश्क़ को रब की इबादत तक ले आये हम तुम,,,,
सांझ हो या हो सबेरा नाम तेरा नाम मेरा,,,
गुल गुलस्ता बाग सारे आम लाये हम तुम,,,,
जिन्दगी की हसरते मर सी गई थी,,,
आज उसमे जान तक ले आये हम तुम,,,
सोनु का दिलदार सा अपना पन,,,
तुझको पाकर सारी दौलत पाये हम तुम,,,,
?सोनु जैन मंदसौर??