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23 Aug 2021 · 1 min read

लुभाता चाँद पूनम का….

समां है क्या गजब देखो, जड़े नभ में सितारे हैं।
धरा भी है सजी-सँवरी, बड़े मोहक नजारे हैं।
गुराए अंग रजनी के, रजत धवला वदन दमके,
लुभाता चाँद पूनम का, करे रह-रह इशारे है।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
“मनके मेरे मन के” से

Language: Hindi
3 Likes · 362 Views
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