Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2017 · 1 min read

लिख देना

नफरतों के बाजारों में तुम प्यार लिख देना
बिखरती जुल्फ को मेरा सलाम लिख देना

अगर लिखना है तुमको तो मेरी तुम बात सुन लेना
जमाने मे मोहबत को इबादत सी लिख देना

जमाने को नजर भरके तुम्हे बस देखना ही है
अदावत से भी भारी है ये प्यार लिख देना

हिमालय की बुलंदी पर जो मेरा भाई बैठा है
हवाओ जाके तुम सरहद पे सलाम कह देना

जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान दे दी है
सहादत पे मेरा प्यारे जय हिंद लिख देना

कि जिन माओ ने बेटो को कुर्बान कीना है
उन्हें तुम देश की रक्षा में महान लिख देना

कभी लिखना हो तुमको तो देश पे लिखना
शहीदों की चिताओ का यशगान लिख देना

ऋषभ जीना हो मरना हो या कुछ और करना हो
वतन के नाम तुम अपनी जान लिख देना

जय हिंद

1 Like · 303 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*फूलों पर भौंरे दिखे, करते हैं गुंजार* ( कुंडलिया )
*फूलों पर भौंरे दिखे, करते हैं गुंजार* ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
अपना अंजाम फिर आप
अपना अंजाम फिर आप
Dr fauzia Naseem shad
" सर्कस सदाबहार "
Dr Meenu Poonia
मां, तेरी कृपा का आकांक्षी।
मां, तेरी कृपा का आकांक्षी।
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
वो ज़ख्म जो दिखाई नहीं देते
वो ज़ख्म जो दिखाई नहीं देते
shabina. Naaz
वादे खिलाफी भी कर,
वादे खिलाफी भी कर,
Mahender Singh
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
Kumar lalit
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
नीम
नीम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
Er.Navaneet R Shandily
2635.पूर्णिका
2635.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Sakshi Tripathi
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
संवेदना प्रकृति का आधार
संवेदना प्रकृति का आधार
Ritu Asooja
In the end
In the end
Vandana maurya
चल सतगुर के द्वार
चल सतगुर के द्वार
Satish Srijan
लटकते ताले
लटकते ताले
Kanchan Khanna
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
कार्तिक नितिन शर्मा
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
बलात-कार!
बलात-कार!
अमित कुमार
सिर्फ औरतों के लिए
सिर्फ औरतों के लिए
Dr. Kishan tandon kranti
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुंडलिया ....
कुंडलिया ....
sushil sarna
पिता की याद।
पिता की याद।
Kuldeep mishra (KD)
🚩वैराग्य
🚩वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*खामोशी अब लब्ज़ चाहती है*
*खामोशी अब लब्ज़ चाहती है*
Shashi kala vyas
फ़ुर्सत में अगर दिल ही जला देते तो शायद
फ़ुर्सत में अगर दिल ही जला देते तो शायद
Aadarsh Dubey
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...