Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2017 · 2 min read

लाल लिपस्टिक की भूख : मानवता की मौत

आलू खाकर मर सकता है
एक आदमी/और
बिना जहर पीये मर सकती है
एक औरत।
और बच्चों की मौत का मैं कोई तरीका नही बता पाता हूँ।
(यह आसान है)
भावी आत्महत्या पीड़ितों के लिए/इन्हें
हासिल करना काफी मुश्किल है।
हम घरों के अंदर तक जायेंगे
खाली पड़े खण्डहरों तक
पहुंचेगी हमारी कविता/आवाज़
क्योंकि ज्यादातर आत्महत्याएं
शाम को या रात में होती हैं।
हाँ,
बिलकुल
मेरी बाँहों में परमाणु नही है
यह बात अंदर तक आपको कचोट देगी
आपको ही नही बल्कि विज्ञान के लाखों शोधकर्ताओं को भी
मैं मज़बूर हूँ,
इसलिये कहता हूँ
मेरी बाहों में परमाणु नही है।
आइंस्टीन को अपनी समीकरण वापिस ले लेनी चईये
और गुटेनबर्ग को
अपना छापाखाना भी बन्द कर देना चईये।
आप और हम मिलकर
एक दुसरे चाँद को देख सकते है
हम वहां तक जायेंगे
जैसे घरों तक गए थे।
हमारे साथ एक दूरबीन होगी
और
उसमे हम एक आदमी को दूसरा आदमी काटता देखेंगे।

आपकी नज़रों में आपका बैडरूम दिखाई देगा
और आपके सपनो की
एक -दो लाश भी वहीं पड़ी होगी
यह “सीन” देखकर एक छोटा अमरुद हंसेगा
मैं
उसको हंसने का मतलब पूछता हूँ तो
मेरी दादी की कही बात याद आ जाती है
(इसलिए मैं नही पूछता।)
वहां रेडियो नही होगा
और आदमी कटा हुआ हाथ खाता होगा (अपना वाला)
आप
यह सोचकर दुःखी नही होते
कि
आपकी उम्र का एक एक दिन घटकर मरता जा रहा है
एक दिन का मतलब घड़ी उल्टी घूमती है।

हम सब देख लेंगे/लोगों को लड़ते हुए,
एक लाल लिपस्टिक की भूख के लिए हम,
अवाज़ नहीं करेंगे
और आंदोलन का नाम ऑक्सफ़ोर्ड वाली डिक्सनरी से मिट जायेगा। आपको पता है न
भूख हड़ताल से अंततः मृत्यु हो सकती है।

मैंने कभी नही देखा कि सूरज और चाँद एक दुसरे का आलिंगन करते हैं,
धरती के सारे जीव मर चुके है,
खाद्य श्रंखला के ऊपर रेड क्रॉस है।

यह एक सार्वभौमिक सत्य कैसे हो सकता है
कि
हमले के बाद अपराधी पकड़े जाने से पहले आत्महत्या कर लेता है।

जब ऐश्वर्या राय
अपने कमरे में लाइट जलायेगी तो आप अपने क्रन्तिकारी विचारों के टुकड़ों को पिपरमिंट में डालकर आत्महत्या होने की संभावित जगह पर रख देंना।
इसकी स्मेल से “हथियारों” का दम घुटेगा/
और
वे मर जाएंगे।

मेरा कोई घर नही था,इसलिये लोगों के घरों में घुसकर
मैंने तीन तिहाई कविताएँ लिखी थी।
– कत्ले आम

यह कविता,
“ऐश्वर्या राय का कमरा” नामक कविता का दूसरा भाग है।
( कवि बृजमोहन स्वामी “बैरागी”)

Language: Hindi
1 Comment · 523 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
कहा तुमने कभी देखो प्रेम  तुमसे ही है जाना
कहा तुमने कभी देखो प्रेम तुमसे ही है जाना
Ranjana Verma
निश्छल प्रेम
निश्छल प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हिंदी
हिंदी
Mamta Rani
शहीद -ए -आजम भगत सिंह
शहीद -ए -आजम भगत सिंह
Rj Anand Prajapati
Banaras
Banaras
Sahil Ahmad
पलटूराम में भी राम है
पलटूराम में भी राम है
Sanjay ' शून्य'
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
*इस धरा पर सृष्टि का, कण-कण तुम्हें आभार है (गीत)*
*इस धरा पर सृष्टि का, कण-कण तुम्हें आभार है (गीत)*
Ravi Prakash
साक्षात्कार एक स्वास्थ्य मंत्री से [ व्यंग्य ]
साक्षात्कार एक स्वास्थ्य मंत्री से [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
बुद्धिमान बनो
बुद्धिमान बनो
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जिस कदर उम्र का आना जाना है
जिस कदर उम्र का आना जाना है
Harminder Kaur
Love is beyond all the limits .
Love is beyond all the limits .
Sakshi Tripathi
kavita
kavita
Rambali Mishra
सर्दी का मौसम
सर्दी का मौसम
Ram Krishan Rastogi
नज़रिया
नज़रिया
Dr. Kishan tandon kranti
ब्रांड. . . .
ब्रांड. . . .
sushil sarna
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
Vishal babu (vishu)
मुद्दत से संभाला था
मुद्दत से संभाला था
Surinder blackpen
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
Raju Gajbhiye
तुम कब आवोगे
तुम कब आवोगे
gurudeenverma198
साथ हो एक मगर खूबसूरत तो
साथ हो एक मगर खूबसूरत तो
ओनिका सेतिया 'अनु '
जिस तरीके से तुम हो बुलंदी पे अपने
जिस तरीके से तुम हो बुलंदी पे अपने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नदी
नदी
Kumar Kalhans
चुप रहना ही खाशियत है इस दौर की
चुप रहना ही खाशियत है इस दौर की
डॉ. दीपक मेवाती
छतें बुढापा, बचपन आँगन
छतें बुढापा, बचपन आँगन
*Author प्रणय प्रभात*
प्रथम दृष्टांत में यदि आपकी कोई बातें वार्तालाभ ,संवाद या लि
प्रथम दृष्टांत में यदि आपकी कोई बातें वार्तालाभ ,संवाद या लि
DrLakshman Jha Parimal
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
Neeraj Agarwal
भारत की देख शक्ति, दुश्मन भी अब घबराते है।
भारत की देख शक्ति, दुश्मन भी अब घबराते है।
Anil chobisa
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
Jyoti Khari
Loading...