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7 Jun 2017 · 1 min read

लाल बिहारी लाल के पर्यावरणीय गीत- प्रदूषण का नंगा दानव

पर्यावरणीय गीत- प्रदूषण का नंगा दानव

लाल बिहारी लाल

प्रदूषण का नंगा दानव नाच रहा है दुनिया में
इस दानव को रोको वरना आग लगेगी दुनिया में
प्रदूषण का नंगा दानव……..

रो रही है धरती मैया, रो रहा आसमान है
वन धरा से सिमट रहे है, मिट रही पहचान है
मीठा जहर नित घूल रहा है स्वच्छ निर्मल पनिया में
प्रदूषण का नंगा दानव……..

जल,थल पवन और गगन सभी हो गये इसके शिकार
जीव-जन्तु, मानव और पादप झेल रहे है इसके मार
दो को चार बनाने खातिर मानव लगा है धुनिया मे
प्रदूषण का नंगा दानव……..

कही शोर कही कलकरखाना सभी बन गये हैं दूत
चारो तरफ धुआं-धुआं है चढ़ा है परिवहन का भूत
जीवन सिसक रही धरती पर अज्ञानी और गुनिया में
प्रदूषण का नंगा दानव……..

किसे कहे औऱ क्या कहे आत्मा की अपनी बाते
दिन धूंधला–सा हो गया है हो रही है काली राते
लाल बिहारी ‘लाल’ युवा दिख रहा है पुरनिया में
प्रदूषण का नंगा दानव……..

* सचिव-लाल कला मंच, नई दिल्ली
फोन-9868163073 या 7042663073

Language: Hindi
334 Views
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