लालच
लालच
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कल तक
मंदिर निर्माण की
दुहाई देने वाले
सत्ता के मोह में
इतना नीचे गिर गये हैं,
कि आज
भूमि पूजन मोदी के करने पर
बाईपास से निकलने का
रास्ता बताने लगे हैं।
सच तो ये है कि
उनका अयोध्या आना भी
कुर्सी की खातिर दबाव बनाना था
राम और राम मंदिर
तो बस बहाना था।
तभी तो कुर्सी के लिए
इतना नीचे गिर गये हैं,
पुरखों की मर्यादा भी
ताक पर रख रहे हैं।
सत्ता/पुत्र मोह में
धृतराष्ट्र को भी
पीछे छोड़ रहे हैं,
अपना जमीर तक
बेंच रहे हैं।
कल तक गर्व था जिन्हें ऊन पर
आज वो ही उनसे
किनारा कर रहे हैं।
✍सुधीर श्रीवास्तव