लातों के भूत बातों से नहीं मानते …
आखिर कब तक खेली जायेगी यह रोज़ -रोज़ खून की होली ,
और कब तक हमारे वीर जवान देंगे अपना बलिदान ।
समझौते और बातो मुलाकातें अब बहुत होलीं,
हथियार उठाओ मिटा डालो नक़्शे से पकिस्तान का नाम -ओ-निशान ।
क्योंकि लातों के भूत बातों से नहीं मानते ,
इसीलिए बेहतर होगा उन जैसों को समझाने के लिए ,
उनकी ही भाषा जाए बोली ।