Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2020 · 1 min read

लहरों को हटते देखा है

लहरों को हटते देखा है
******************

लहरों को टलते देखा है
संघर्ष में भिड़ते देखा है

शेखी जो बड़ी जताते थे
विपदा में टलते देखा है

शान्ति के जो राजदूत हैं
लोगों से लड़ते देखा है

औरों को जो उकसाते हैं
मौके पर हटते देखा है

जीतों के जो सिकंदर थे
जीवन में हरते देखा है

कमजोर समझे जाते हैं
तूफां से भिड़ते देखा हैं

चालों के जो बाजीगर हैं
चालों में फंसते देखा है

तैराक समझने वालो को
पानी में डूबते देखा है

बाजियाँ पलटने वालों को
शतरंज में हरते देखा है

अहंकारी जो कहलाते थे
अहंकार में मरते देखा हैं

ठोकर जो मारते रहते हैं
खुद ठोकर खाते देखा है

सुखविंद्र सच्चाई लिखता है
झूठों को लिखते देखा है
*********************

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

2 Comments · 201 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ क़ायदे की बात...
■ क़ायदे की बात...
*Author प्रणय प्रभात*
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
ज़रूरी तो नहीं
ज़रूरी तो नहीं
Surinder blackpen
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
जब तक जरूरत अधूरी रहती है....,
जब तक जरूरत अधूरी रहती है....,
कवि दीपक बवेजा
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
अहोई अष्टमी का व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत
Harminder Kaur
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
व्हाट्सएप के दोस्त
व्हाट्सएप के दोस्त
DrLakshman Jha Parimal
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बच्चे का संदेश
बच्चे का संदेश
Anjali Choubey
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वर्णमाला
वर्णमाला
Abhijeet kumar mandal (saifganj)
*लिख दी रामायण अनूठी वाल्मीकि जी ने (घनाक्षरी)*
*लिख दी रामायण अनूठी वाल्मीकि जी ने (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
मैंने पीनी छोड़ तूने जो अपनी कसम दी
मैंने पीनी छोड़ तूने जो अपनी कसम दी
Vishal babu (vishu)
सुन लो मंगल कामनायें
सुन लो मंगल कामनायें
Buddha Prakash
इस संसार में क्या शुभ है और क्या अशुभ है
इस संसार में क्या शुभ है और क्या अशुभ है
शेखर सिंह
विचार सरिता
विचार सरिता
Shyam Sundar Subramanian
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माँ
माँ
The_dk_poetry
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
Awadhesh Kumar Singh
*बोल*
*बोल*
Dushyant Kumar
अभी मेरी बरबादियों का दौर है
अभी मेरी बरबादियों का दौर है
पूर्वार्थ
किराये की कोख
किराये की कोख
Dr. Kishan tandon kranti
3097.*पूर्णिका*
3097.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🕊️एक परिंदा उड़ चला....!
🕊️एक परिंदा उड़ चला....!
Srishty Bansal
💐प्रेम कौतुक-355💐
💐प्रेम कौतुक-355💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
* वक्त की समुद्र *
* वक्त की समुद्र *
Nishant prakhar
Loading...