Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2017 · 1 min read

लम्बे रदीफ़ की ग़ज़ल (कज़ा मेरी अगर जो हो)

(सबसे लम्बे रदीफ़ की ग़ज़ल)
काफ़िया=आ
रदीफ़= मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर
1222×4

खता मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर,
सजा मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर।

वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना,
वफ़ा मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर।

नशा ये देश-भक्ति का, रखे चौड़ी सदा छाती,
अना मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर।

रहे चोटी खुली मेरी, वतन में भूख है जब तक,
शिखा मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर।

गरीबों के सदा हक़ में, उठा आवाज़ जीता हूँ,
सदा मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर।

रखूँ जिंदा शहीदों को, निभा किरदार मैं उनका,
अदा मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर।

मेरी मर्जी तो ये केवल, बढ़े ये देश आगे ही,
रज़ा मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर।

रहे रोशन सदा सब से, वतन का नाम हे भगवन,
दुआ मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर।

चढ़ातें सीस माटी को, ‘नमन’ वे सब अमर होते,
कज़ा मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर।

बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
तिनसुकिया।

1 Like · 4 Comments · 314 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लौट कर वक़्त
लौट कर वक़्त
Dr fauzia Naseem shad
सुंदरता के मायने
सुंदरता के मायने
Surya Barman
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
No one in this world can break your confidence or heart unle
No one in this world can break your confidence or heart unle
Sukoon
बहुत सस्ती दर से कीमत लगाई उसने
बहुत सस्ती दर से कीमत लगाई उसने
कवि दीपक बवेजा
धारा छंद 29 मात्रा , मापनी मुक्त मात्रिक छंद , 15 - 14 , यति गाल , पदांत गा
धारा छंद 29 मात्रा , मापनी मुक्त मात्रिक छंद , 15 - 14 , यति गाल , पदांत गा
Subhash Singhai
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
Er. Sanjay Shrivastava
बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
Suryakant Dwivedi
" ज़ख़्मीं पंख‌ "
Chunnu Lal Gupta
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
पूर्वार्थ
जीवन का मुस्कान
जीवन का मुस्कान
Awadhesh Kumar Singh
संगीत........... जीवन हैं
संगीत........... जीवन हैं
Neeraj Agarwal
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
विरह के दु:ख में रो के सिर्फ़ आहें भरते हैं
विरह के दु:ख में रो के सिर्फ़ आहें भरते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
|नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
|नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
रे मन
रे मन
Dr. Meenakshi Sharma
एक तूही दयावान
एक तूही दयावान
Basant Bhagawan Roy
2581.पूर्णिका
2581.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आज, पापा की याद आई
आज, पापा की याद आई
Rajni kapoor
रंगमंच
रंगमंच
लक्ष्मी सिंह
माँ तेरे चरणों मे
माँ तेरे चरणों मे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बिल्ले राम
बिल्ले राम
Kanchan Khanna
*माहेश्वर तिवारी जी: शत-शत नमन (कुंडलिया)*
*माहेश्वर तिवारी जी: शत-शत नमन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
Shyam Sundar Subramanian
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
Ram Krishan Rastogi
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
आकाश महेशपुरी
"मन भी तो पंछी ठहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Sakshi Tripathi
शिक्षित बनो शिक्षा से
शिक्षित बनो शिक्षा से
gurudeenverma198
Loading...