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21 Nov 2017 · 1 min read

लफ्जो को समेटकर कुछ लिखूंगा ।

लफ्जो को समेटकर कुछ लिखूंगा ।
कभी गीत कविता एक नज़्म भी लिखूंगा ।
ऐसे ही नहीं पिरो लिए जाते गीत कविताओं नज्मों के धागों में शब्दों के मोती ।
लिखने से पहले इन सबको खोजूंगा।
अल्फाजो की गहराई बहुत होती है । इन्हीं में डूब के । एक कहानी भी पूरी करूंगा ।
लफ्जो को समेटकर कुछ लिखूंगा …….!
कुछ किस्से कहानिया मुझे भी लिखनी है।
कुछ अधूरे किस्से पूरे करने है ।
इनके लिए लफ्जो को वापस समेटूंगा ।
…. लफ्जो को समेटकर में भी कुछ लिखूंगा ।
डायरी कब से चुप सी है । कलम भी कबसे बेताब है ।
लफ्ज़ मिले तो सही ।ये दोनों तो कब से बेकरार है ।।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 496 Views
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