Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2016 · 1 min read

लड़कियों के प्यार से डरता हूँ मैं

लड़कियों के प्यार से डरता हूँ मैं !
आज की तलवार से डरता हूँ मैं !!

चाहता हूँ बोल दूँ उसको खुदा ,
किन्तु इस सत्कार से डरता हूँ मैं !!

संगिनी उसको बनाना चाहता ,
पर समय की मार से डरता हूँ मैं !!

पल मे रिश्तों को ये पीछे छोड़ता ,
वक्त की रफ्तार से डरता हूँ मैं !!

पीछा करता जो बसन्तों का सदा ,
आह ! उस पतझार से डरता हूँ मैं !!

ये भले हों शोख औ मनहर नदी ,
किन्तु इनकी धार से डरता हूँ मै !!

जो न जुगनू की तरह झिलमिल करे ,
ऐसे हर अंधकार से डरता हूँ मै !!

जो न जुगनू की तरह हंसकर मिले ,
उस गुले-गुलजार से डरता हूँ मैं !!

09200573071 8871887126

274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं असफल और नाकाम रहा!
मैं असफल और नाकाम रहा!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
बाबर के वंशज
बाबर के वंशज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
दिव्य दर्शन है कान्हा तेरा
दिव्य दर्शन है कान्हा तेरा
Neelam Sharma
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
2804. *पूर्णिका*
2804. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर प्रेम कहानी का यही अंत होता है,
हर प्रेम कहानी का यही अंत होता है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"जय जवान जय किसान" - आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)
Shravan singh
भीड़ ने भीड़ से पूछा कि यह भीड़ क्यों लगी है? तो भीड़ ने भीड
भीड़ ने भीड़ से पूछा कि यह भीड़ क्यों लगी है? तो भीड़ ने भीड
जय लगन कुमार हैप्पी
खता कीजिए
खता कीजिए
surenderpal vaidya
प्रथम गुरु
प्रथम गुरु
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आओ नया निर्माण करें
आओ नया निर्माण करें
Vishnu Prasad 'panchotiya'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
न हिन्दू बुरा है
न हिन्दू बुरा है
Satish Srijan
साकी  (कुंडलिया)*
साकी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जीभ का कमाल
जीभ का कमाल
विजय कुमार अग्रवाल
■ मुक्तक...
■ मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
कहमुकरी
कहमुकरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आओ,
आओ,
हिमांशु Kulshrestha
मेरी एक सहेली है
मेरी एक सहेली है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धूर्ततापूर्ण कीजिए,
धूर्ततापूर्ण कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कोरे कागज पर...
कोरे कागज पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जख्म पाने के लिए ---------
जख्म पाने के लिए ---------
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
जाने वाले साल को सलाम ,
जाने वाले साल को सलाम ,
Dr. Man Mohan Krishna
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
कृष्णकांत गुर्जर
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
" लहर लहर लहराई तिरंगा "
Chunnu Lal Gupta
मां की याद आती है🧑‍💻
मां की याद आती है🧑‍💻
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...