Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2016 · 1 min read

लगता है अपनों ने फंदा पिरोया होगा

मरने से पहले वो कितना रोया होगा !
पाकर सबकुछ फिर उसने खोया होगा !!

बेवजह ऐसे कोई नहीं मरता यारों ,
जरूर जिंदगी में जहर बोया होगा !!

बहुत दिनों से सोया नहीं था शायद
आज सचमुच चैन से सोया होगा !!

हँसता हसाता मदत भी करता था ,
मर गया ज्यादा भार ढोया होगा !!

साथ रहने खाने हँसने की आदत थी,
अकेला आँसुओं से बदन भिगोया होगा !!

मरता ना अपनों का प्यार मिला होता जुगनू ,
लगता है अपनों ने फंदा पिरोया होगा !!

Language: Hindi
250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चंदा मामा (बाल कविता)
चंदा मामा (बाल कविता)
Ravi Prakash
ठोकर भी बहुत जरूरी है
ठोकर भी बहुत जरूरी है
Anil Mishra Prahari
दान देने के पश्चात उसका गान  ,  दान की महत्ता को कम ही नहीं
दान देने के पश्चात उसका गान , दान की महत्ता को कम ही नहीं
Seema Verma
In adverse circumstances, neither the behavior nor the festi
In adverse circumstances, neither the behavior nor the festi
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
Kumar lalit
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
"तुम ही"
Dr. Kishan tandon kranti
वर्षा
वर्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गुम है
गुम है
Punam Pande
पाश्चात्य विद्वानों के कविता पर मत
पाश्चात्य विद्वानों के कविता पर मत
कवि रमेशराज
11. एक उम्र
11. एक उम्र
Rajeev Dutta
किसी से मत कहना
किसी से मत कहना
Dr.Pratibha Prakash
सच्चाई के रास्ते को अपनाओ,
सच्चाई के रास्ते को अपनाओ,
Buddha Prakash
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
2772. *पूर्णिका*
2772. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
Sonam Pundir
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
कवि दीपक बवेजा
💐अज्ञात के प्रति-50💐
💐अज्ञात के प्रति-50💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अनुभूति
अनुभूति
Shweta Soni
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
Manoj Mahato
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
डा गजैसिह कर्दम
हे भगवान तुम इन औरतों को  ना जाने किस मिट्टी का बनाया है,
हे भगवान तुम इन औरतों को ना जाने किस मिट्टी का बनाया है,
Dr. Man Mohan Krishna
"किस किस को वोट दूं।"
Dushyant Kumar
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
Rituraj shivem verma
"फूलों की तरह जीना है"
पंकज कुमार कर्ण
समय
समय
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
Sarfaraz Ahmed Aasee
उन कचोटती यादों का क्या
उन कचोटती यादों का क्या
Atul "Krishn"
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
gurudeenverma198
Loading...