Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2018 · 1 min read

23 रागनी किस्सा सेठ ताराचंद मनजीत

अब सेठानी दयावती चंद्रगुप्त से पुछती मनशां के यहां तेरा जीवन केसे बिता तो चंद्रगुप्त एक बात के द्वारा क्या कहता है।
रागनी नं:- 2

जुणसा हाल तेरा माता, वोहे हाल मेरा था,
दिन आवैगे ओले माता न्यू किसने बेरा था..!!टेक!!

थारे तै बिछड़ा जिस दिन, मेरी आत्मा रोई,
समझ नही आई या होणी, कुकर के होई,
मेरे पिता की पैड़ मनै, जाये पाछै टोई,
आंख नीर भरी देखण आल्ला ना था कोई,
मात पिता तै न्यारा रहया किस्मत फूटी लेरा था..!!१!!

तेरे पुत के लाड करे, पिता मनशां सेठ सेठानी नै,
दो भाई मिले करोड़ी मरोड़ी, जाणे थे कहानी नै,
कदे बैर भाव रहया नहीं इस देह बिराणी नै,
फेर भी रोक सका नही कदे, आंख्खे के पाणी नै,
राम नै हम न्यारे पाड़ै यो दुख गात नै देरा था..!!२!!

एक दिन एक साल , दिखाई दिया करता,
मेरी हिम्मात सारा कुंणबा लिया करता,
सुबह शाम तमनै याद करकै जिया करया,
आछी भुंडी कार करण तै डरा हिया करता,
बख्त की चोट लेई ओट, करडाई का फेरा था..!!३!!

,
गुरु कपीन्द्र शर्मा, मिलगे थे विद्वान मैंने,
करकै पढ़ाई मंद्रशे मै, पा लिया ज्ञान मनै
ना करते देखे अभिमान मनै,
धर्म ज्योत उडै़ जलती पावै, ना झुठ कहण की बान मनै,
मनजीत नै ना सोची थी, पहासौर तै दूर बसेरा था..!!४!!

रचनाकार:- पं मनजीत पहासौरिया
फोन नं०:- 9467354911

Language: Hindi
2 Comments · 861 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"अतीत"
Dr. Kishan tandon kranti
किरदार हो या
किरदार हो या
Mahender Singh
चौथापन
चौथापन
Sanjay ' शून्य'
2939.*पूर्णिका*
2939.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरी - मेरी कहानी, ना होगी कभी पुरानी
तेरी - मेरी कहानी, ना होगी कभी पुरानी
The_dk_poetry
योगा डे सेलिब्रेशन
योगा डे सेलिब्रेशन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नैन
नैन
TARAN VERMA
"अनकही सी ख़्वाहिशों की क्या बिसात?
*Author प्रणय प्रभात*
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
बरपा बारिश का कहर, फसल खड़ी तैयार।
बरपा बारिश का कहर, फसल खड़ी तैयार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
BLACK DAY (PULWAMA ATTACK)
BLACK DAY (PULWAMA ATTACK)
Jyoti Khari
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
सुकरात के शागिर्द
सुकरात के शागिर्द
Shekhar Chandra Mitra
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दुनिया  की बातों में न उलझा  कीजिए,
दुनिया की बातों में न उलझा कीजिए,
करन ''केसरा''
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिनांक - २१/५/२०२३
दिनांक - २१/५/२०२३
संजीव शुक्ल 'सचिन'
पूछ रही हूं
पूछ रही हूं
Srishty Bansal
दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
आर.एस. 'प्रीतम'
*गाते गाथा राम की, मन में भर आह्लाद (कुंडलिया)*
*गाते गाथा राम की, मन में भर आह्लाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
लक्ष्मी सिंह
दिल  धड़कने लगा जब तुम्हारे लिए।
दिल धड़कने लगा जब तुम्हारे लिए।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
हर चढ़ते सूरज की शाम है,
हर चढ़ते सूरज की शाम है,
Lakhan Yadav
"अकेलापन और यादें "
Pushpraj Anant
Apni Qimat
Apni Qimat
Dr fauzia Naseem shad
दिल से दिल को जोड़, प्रीति रंग गाती होली
दिल से दिल को जोड़, प्रीति रंग गाती होली
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हम लड़के हैं जनाब...
हम लड़के हैं जनाब...
पूर्वार्थ
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
Dr MusafiR BaithA
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
Sahil Ahmad
Loading...