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3 Feb 2018 · 1 min read

रज़ा-ऐ-रब

तरक़ीब जब जहाँ फ़िसलती हैं ।
क़िस्मत से चीजें वहाँ मिलतीं हैं ।
रखता है फ़िक्र वो सभी की ,
क़िस्मत रज़ा-ऐ-रब मिलती है ।
….. विवेक दुबे©…..

Language: Hindi
355 Views
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