Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Nov 2018 · 1 min read

रोमांस है

उम्र क्या,जब जग गया प्रेमांस है ?
मस्त मन है, जवानी को आँस है |
हँसा बुड्ढा ज्ञान बनकर, जवाँ दिल,
रूप-लिप्सा वस मिले,रोमांस है |
…….
पं बृजेश कुमार नायक

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 841 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
मुकाम
मुकाम
Swami Ganganiya
हर बला से दूर रखता,
हर बला से दूर रखता,
Satish Srijan
*मौत आग का दरिया*
*मौत आग का दरिया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Manisha Manjari
एक ही तो, निशा बचा है,
एक ही तो, निशा बचा है,
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अमृत मयी गंगा जलधारा
अमृत मयी गंगा जलधारा
Ritu Asooja
दुनिया इश्क की दरिया में बह गई
दुनिया इश्क की दरिया में बह गई
प्रेमदास वसु सुरेखा
इश्क का इंसाफ़।
इश्क का इंसाफ़।
Taj Mohammad
कोमल चितवन
कोमल चितवन
Vishnu Prasad 'panchotiya'
कवियों की कैसे हो होली
कवियों की कैसे हो होली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
....ऐ जिंदगी तुझे .....
....ऐ जिंदगी तुझे .....
Naushaba Suriya
सावित्रीबाई फुले और पंडिता रमाबाई
सावित्रीबाई फुले और पंडिता रमाबाई
Shekhar Chandra Mitra
"वक्त के पाँव"
Dr. Kishan tandon kranti
#सुप्रभातम
#सुप्रभातम
*Author प्रणय प्रभात*
गीतिका/ग़ज़ल
गीतिका/ग़ज़ल
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
कमरछठ, हलषष्ठी
कमरछठ, हलषष्ठी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*मृत्यु-चिंतन(हास्य व्यंग्य)*
*मृत्यु-चिंतन(हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Rashmi Sanjay
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
❤️एक अबोध बालक ❤️
❤️एक अबोध बालक ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
कृष्ण मलिक अम्बाला
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
singh kunwar sarvendra vikram
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
manjula chauhan
Extra people
Extra people
पूर्वार्थ
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्राण प्रतीस्था..........
प्राण प्रतीस्था..........
Rituraj shivem verma
3129.*पूर्णिका*
3129.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...