Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2021 · 1 min read

रेणुजी की देहाती हिंदी

देश के, हिंदी के, किन्तु खासकर बिहार, कोसी और अररिया के साहित्यरत्न, साहित्य अकादेमी सम्मान से पहले ही फणीश्वरनाथ रेणु प्रणीत ‘मैला आँचल’ की फलक अंतरराष्ट्रीय पहचान लिए स्थापित हो चुकी थी, किन्तु वह फ़ख्त स्वतंत्रता के बाद भारत के एक गाँव की सामाजिक सरोकार लिए कहानी भर है, जो प्रायशः गाँवों में कुछ न कुछ देखी जा सकती है ।

परंतु हाँ, ‘मैला आँचल’ के गाँव के कुछ बगल से एक अंतरराष्ट्रीय सीमा परिदृश्य कराया गया है । रेणुजी की भाषा विशुद्ध हिंदी नहीं, अपितु हिंदी, बांग्ला, नेपाली, मैथिली सहित कई क्षेत्रीय भाषाएँ, यथा- अंगिका, सुरजापुरी, सीमांचली इत्यादि लिए है । यह कोई आंचलिक नहीं है, अपितु कबीरदास की भाँति भाषाओं की खिचड़ी भर है, जो सीमांचल और नेपाल की तलहटी पर बोली भर जाती है।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 346 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुटुंब के नसीब
कुटुंब के नसीब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*****गणेश आये*****
*****गणेश आये*****
Kavita Chouhan
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"औरत ही रहने दो"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्व पटल से सदा सभी को एक दिवस
विश्व पटल से सदा सभी को एक दिवस
Ravi Prakash
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
Sahil Ahmad
जीवन में ही सहे जाते हैं ।
जीवन में ही सहे जाते हैं ।
Buddha Prakash
दिल के रिश्ते
दिल के रिश्ते
Dr fauzia Naseem shad
पता ही नहीं चलता यार
पता ही नहीं चलता यार
पूर्वार्थ
रिश्ते
रिश्ते
Ram Krishan Rastogi
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
Sarfaraz Ahmed Aasee
কি?
কি?
Otteri Selvakumar
22, *इन्सान बदल रहा*
22, *इन्सान बदल रहा*
Dr Shweta sood
आँसू छलके आँख से,
आँसू छलके आँख से,
sushil sarna
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
माॅं की कशमकश
माॅं की कशमकश
Harminder Kaur
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
VEDANTA PATEL
जो पड़ते हैं प्रेम में...
जो पड़ते हैं प्रेम में...
लक्ष्मी सिंह
3045.*पूर्णिका*
3045.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
थोड़ी दुश्वारियां ही भली, या रब मेरे,
थोड़ी दुश्वारियां ही भली, या रब मेरे,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जिंदगी बहुत ही छोटी है मेरे दोस्त
जिंदगी बहुत ही छोटी है मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
* बाल विवाह मुक्त भारत *
* बाल विवाह मुक्त भारत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Perceive Exams as a festival
Perceive Exams as a festival
Tushar Jagawat
#उल्टा_पुल्टा
#उल्टा_पुल्टा
*Author प्रणय प्रभात*
जिन्दा हो तो,
जिन्दा हो तो,
नेताम आर सी
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
जज़्बा क़ायम जिंदगी में
जज़्बा क़ायम जिंदगी में
Satish Srijan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
नितिन पंडित
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
Loading...