Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2016 · 1 min read

रूह

रूह
✍✍

रूह से जब अलग हो जायेगा
कैसे फिर इंसान रह जायेगा
छोड़ कर यह जहाँ चला जायेगा
रोता बिलखता छोड़ जायेगा

चलती -फिरती तेरी यह काया
मुट्ठी भर राख में सिमट जायेगी
बातें तेरी याद जमीन पर आयेगी
परियों की कहानी सुनाई जायेगी

अकड़ सारी तेरी धूमिल हो कर
लाठी सी तन कर रह जायेगी
बन तारा आसमां में चढ़ ऊपर को
सन्तति को राह हमेशा दिखायेगा

खूब कड़क बोल गूँजा करते थे
खूब दुन्दुभि तेरी बजा करती थी
मान – सम्मान भी पाया तूने बहुत
अब मूक बन चल पड़ा यहाँ से

रूह ने देह में घुस रूह को लुभाया
संग -संग प्रेम सरगम गुनगुनाया
टूटते दिल को बसन्त से महकाया
अनजान को भी अपना बनाया

जीवन संग्राम में रूह फना हो जाए
मेरा मिल मुझसे बिछड़ जायेगा
आघात गहरा दे कर चला जायेगा
बरबस फिर बहुत याद आयेगा

डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
71 Likes · 461 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
अगर कोई आपको गलत समझ कर
अगर कोई आपको गलत समझ कर
ruby kumari
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गूंजेगा नारा जय भीम का
गूंजेगा नारा जय भीम का
Shekhar Chandra Mitra
साल गिरह की मुबारक बाद तो सब दे रहे है
साल गिरह की मुबारक बाद तो सब दे रहे है
shabina. Naaz
राम-हाथ सब सौंप कर, सुगम बना लो राह।
राम-हाथ सब सौंप कर, सुगम बना लो राह।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
3091.*पूर्णिका*
3091.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
कृष्णकांत गुर्जर
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
????????
????????
शेखर सिंह
देखी है ख़ूब मैंने भी दिलदार की अदा
देखी है ख़ूब मैंने भी दिलदार की अदा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*भाता है सब को सदा ,पर्वत का हिमपात (कुंडलिया)*
*भाता है सब को सदा ,पर्वत का हिमपात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गाली भरी जिंदगी
गाली भरी जिंदगी
Dr MusafiR BaithA
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
DrLakshman Jha Parimal
जो ये समझते हैं कि, बेटियां बोझ है कन्धे का
जो ये समझते हैं कि, बेटियां बोझ है कन्धे का
Sandeep Kumar
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तालाश
तालाश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Migraine Treatment- A Holistic Approach
Migraine Treatment- A Holistic Approach
Shyam Sundar Subramanian
Colours of heart,
Colours of heart,
DrChandan Medatwal
काश! तुम हम और हम हों जाते तेरे !
काश! तुम हम और हम हों जाते तेरे !
The_dk_poetry
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,अलंकृत भाल पे बिंदी।
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,अलंकृत भाल पे बिंदी।
Neelam Sharma
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
Sukoon
हालात और मुकद्दर का
हालात और मुकद्दर का
Dr fauzia Naseem shad
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
जिन्दगी के रंग
जिन्दगी के रंग
Santosh Shrivastava
* जिन्दगी में *
* जिन्दगी में *
surenderpal vaidya
Mukar jate ho , apne wade se
Mukar jate ho , apne wade se
Sakshi Tripathi
Loading...