Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2019 · 2 min read

***” रूहानी मदद ***

।। ॐ श्री परमात्मने नमः ।।
*** रूहानी मदद ***
शिवपुर शहर में तालाब के किनारे एक कुटिया थी जिसमें फकीर बाबा रहते थे उस तालाब के किनारे रँग बिरंगे फूलों की बगीचा भी लगा हुआ था तालाब के किनारे बहुत से पशु पक्षी विहार करने आते थे और आसपास मौजूद बेहद खूबसूरत अदभुत नजारा शांत वातावरण था । प्राकृतिक शुद्ध वातावरण के कारण लोगों का आना जाना लगे ही रहता था।
मोहन अक्सर फकीर बाबा के दर्शन करने जाया करता लेकिन कुछ कारणवश बहुत दिनों से बाबा के पास नही गया था एक दिन अचानक रास्ते में विचार आया कि फकीर बाबा के दर्शन कर आता हूँ फिर मन में सोचा खाली हाथ कैसे जाऊं ….? ? ?
वही जाते समय रास्ते से ताजे संतरे लिए और फकीर बाबा की कुटिया में पहुँच कर बाबा के दर्शन करके उन्हें संतरे भेंट किये लेकिन संतरे को देखकर बाबा ने कहा – ये कैसे संतरे लाये हो ये संतरे जहाँ से लाये हो वही पर वापस करके आओ और मैं जहाँ से कहता हूँ वहां से संतरे लेकर आओ ….
कुटिया के पास ही शनि मंदिर है वहां पर फुटपाथ में एक बुजुर्ग संतरे बेच रहा है वहाँ से संतरे खरीद कर लाओ ।
मोहन ने बाबा के कहे अनुसार अपने लाये हुए संतरे को वापस करके बाबा के बताये गये स्थान पर गया वहां उसने देखा कि मैले फ़टे वस्त्र पहने हुए बूढ़ा सा व्यक्ति संतरे बेच रहा था
मोहन ने संतरे खरीदे और फकीर के पास पहुंचा तो बाबा बड़े खुश हुए और कहने लगे वाह बहुत बढ़िया संतरे है चलो हम दोनों मिलकर इस संतरे को खाते हैं संतरे खाते ही फकीर ने कहा – बहुत ही मीठे संतरे है ….! ! !
मोहन फकीर का आशीर्वाद प्राप्त कर घर वापस लौट आया और वह सारी घटनाओं को गहराई से सोचने लगा ….? ? ?
आखिर ऐसी क्या वजह थी कि मेरे द्वारा लाये गये ताजे फलों को वापस लौटा कर उस बूढे व्यक्ति के पास से लाये गए संतरे फकीर बाबा को बेहद पसंद आये इसके पीछे जरूर कोई रहस्य छिपा हुआ है शायद फकीर बाबा जी त्रिकालदर्शी होंगे अपनी ध्यान साधना द्वारा उस बूढे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को जानकर जरूरत मंद की तकलीफ दूर करने के लिये “रूहानी मदद” करने का इशारा है और फकीर ने उस व्यक्ति की गुहार सुनकर मदद की यही रूहानी मदद ईश्वर की इबादत है …
स्वरचित मौलिक कथा संग्रह ??
***शशिकला व्यास ***
#*# भोपाल मध्यप्रदेश #*#

Language: Hindi
329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
विजय कुमार अग्रवाल
. *प्रगीत*
. *प्रगीत*
Dr.Khedu Bharti
■सामयिक दोहा■
■सामयिक दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
World Emoji Day
World Emoji Day
Tushar Jagawat
नीर
नीर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मन मस्तिष्क और तन को कुछ समय आराम देने के लिए उचित समय आ गया
मन मस्तिष्क और तन को कुछ समय आराम देने के लिए उचित समय आ गया
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
रविवार की छुट्टी
रविवार की छुट्टी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"जो होता वही देता"
Dr. Kishan tandon kranti
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
लड़को की समस्या को व्यक्त किया गया है। समाज में यह प्रचलन है
लड़को की समस्या को व्यक्त किया गया है। समाज में यह प्रचलन है
पूर्वार्थ
" करवा चौथ वाली मेहंदी "
Dr Meenu Poonia
.......,,
.......,,
शेखर सिंह
जिंदगी एक भंवर है
जिंदगी एक भंवर है
Harminder Kaur
"बेज़ारी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
चलता ही रहा
चलता ही रहा
हिमांशु Kulshrestha
मिला है जब से साथ तुम्हारा
मिला है जब से साथ तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
Pyari dosti
Pyari dosti
Samar babu
बाट का बटोही ?
बाट का बटोही ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
शाहजहां के ताजमहल के मजदूर।
शाहजहां के ताजमहल के मजदूर।
Rj Anand Prajapati
तब तात तेरा कहलाऊँगा
तब तात तेरा कहलाऊँगा
Akash Yadav
प्यार जिंदगी का
प्यार जिंदगी का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमारी आंखों में
हमारी आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
आलसी व्यक्ति
आलसी व्यक्ति
Paras Nath Jha
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
कवि रमेशराज
बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर
बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर
सुनील कुमार
बात मेरी मान लो - कविता
बात मेरी मान लो - कविता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ज़िदगी के फ़लसफ़े
ज़िदगी के फ़लसफ़े
Shyam Sundar Subramanian
बुलंद हौंसले
बुलंद हौंसले
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...