Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2017 · 1 min read

रूठा यार

रूठा मेरा यार,न जाने क्योँ? छोड़ा मेरा साथ, न जाने क्यों? रोयें जज्बात,न जाने क्यों? बिना बात की बात,न जाने क्यों?
दिल तो था उदास, न जाने क्यों?
दोस्ती न आई रास,न जाने क्यों?
वजह कोई खास,न जाने क्यों?
समझ पाये न हम, न जाने क्यों? जलन तेरे नए दोस्तों से,न जाने क्यों? सपनों में दिल जलाते,न जाने क्यों?
बदल गए दोस्ती के मायने ,न जाने क्यों?मूकदर्शक हैं आइने, न जाने क्यों?
रूठ गई सिल्वर जुबली,न जान क्यों?
नजर लगी याराने को,न जाने क्यों?
बैठे थे तुम तैयार ,न जाने क्यों?
रूठने को मेरे यार, न जाने क्यों?

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 564 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
gurudeenverma198
स्वयं से करे प्यार
स्वयं से करे प्यार
Dr fauzia Naseem shad
Ghughat maryada hai, majburi nahi.
Ghughat maryada hai, majburi nahi.
Sakshi Tripathi
देह से देह का मिलन दो को एक नहीं बनाता है
देह से देह का मिलन दो को एक नहीं बनाता है
Pramila sultan
जीवन अप्रत्याशित
जीवन अप्रत्याशित
पूर्वार्थ
सियासत में आकर।
सियासत में आकर।
Taj Mohammad
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"जानो और मानो"
Dr. Kishan tandon kranti
आंगन को तरसता एक घर ....
आंगन को तरसता एक घर ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
रोबोटिक्स -एक समीक्षा
रोबोटिक्स -एक समीक्षा
Shyam Sundar Subramanian
*छतरी (बाल कविता)*
*छतरी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
Kanchan Khanna
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
Manisha Manjari
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जिंदगी में सिर्फ हम ,
जिंदगी में सिर्फ हम ,
Neeraj Agarwal
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
जिंदगी की सांसे
जिंदगी की सांसे
Harminder Kaur
हिंदुस्तानी है हम सारे
हिंदुस्तानी है हम सारे
Manjhii Masti
कालः  परिवर्तनीय:
कालः परिवर्तनीय:
Bhupendra Rawat
अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती।
अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती।
लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर''
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
Anil Mishra Prahari
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
DrLakshman Jha Parimal
■ बस एक ही सवाल...
■ बस एक ही सवाल...
*Author प्रणय प्रभात*
कितनी हीं बार
कितनी हीं बार
Shweta Soni
श्री राम एक मंत्र है श्री राम आज श्लोक हैं
श्री राम एक मंत्र है श्री राम आज श्लोक हैं
Shankar N aanjna
विश्वास
विश्वास
Paras Nath Jha
मनुष्य की महत्ता
मनुष्य की महत्ता
ओंकार मिश्र
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
Stuti tiwari
2646.पूर्णिका
2646.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...