Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2021 · 1 min read

रुठ जाता हु खुद से

मैं खुद से खुद ही रुठ जाता हूँ।
जब खुद से किए वादों पर खरा उतर नहीं पाता हूँ।
निराशाएं मुझे घेर लेती ।
जब कभी में खुद को तन्हा पाता हूँ ।
सुकून भी अब तो ज़िन्दगी से दबे पांव लौट जाता है।
भाग दौड़ के इस जीवन में जब भी उलझ जाता हूँ।

…. मैं अक्सर खुद से खुद ही रुठ जाता हूँ ।
जब खुद से किए वादों पर खरा उतर नहीं पाता हूँ।

एक को मनाता हूँ, दूसरे रुठ जाते है ।
इन रिश्ते नातो को निभाने में, खुद को भूल जाता हूँ।
वक्त भी अब मुझसे हाथ छुड़ाने लगा है।
पहले साथ लेकर आगे बढ़ता था,अब खुद ही आगे निकल जाता है।
ये कैसी कशमकश है जिंदगी की…
साथ चलने के लिए जिनसे वादे निभाये जाते है।
वह ही साथ छोड़ जाता है।
मैं अक्सर खुद से खुद ही रुठ जाता हूँ ।
जब मैं खुद से ही हार जाता हूँ ।

Pratik Jangid

Language: Hindi
Tag: गीत
345 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Sangeeta Beniwal
माँ
माँ
Arvina
3012.*पूर्णिका*
3012.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाहत
चाहत
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बूँद-बूँद से बनता सागर,
बूँद-बूँद से बनता सागर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*तुलसी तुम्हें प्रणाम : कुछ दोहे*
*तुलसी तुम्हें प्रणाम : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
मेहनत का फल (शिक्षाप्रद कहानी)
मेहनत का फल (शिक्षाप्रद कहानी)
AMRESH KUMAR VERMA
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
Dr. Alpana Suhasini
मेरुदंड
मेरुदंड
Suryakant Dwivedi
"यात्रा संस्मरण"
Dr. Kishan tandon kranti
3) मैं किताब हूँ
3) मैं किताब हूँ
पूनम झा 'प्रथमा'
बाल कविता: मूंगफली
बाल कविता: मूंगफली
Rajesh Kumar Arjun
तेरी धरती का खा रहे हैं हम
तेरी धरती का खा रहे हैं हम
नूरफातिमा खातून नूरी
रात का मायाजाल
रात का मायाजाल
Surinder blackpen
मन के घाव
मन के घाव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
💐प्रेम कौतुक-271💐
💐प्रेम कौतुक-271💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिगर धरती का रखना
जिगर धरती का रखना
Kshma Urmila
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
डॉ.सीमा अग्रवाल
विरान तो
विरान तो
rita Singh "Sarjana"
#हिन्दुस्तान
#हिन्दुस्तान
*Author प्रणय प्रभात*
बात जुबां से अब कौन निकाले
बात जुबां से अब कौन निकाले
Sandeep Pande
दर्द का दरिया
दर्द का दरिया
Bodhisatva kastooriya
सायलेंट किलर
सायलेंट किलर
Dr MusafiR BaithA
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
* धन्य अयोध्याधाम है *
* धन्य अयोध्याधाम है *
surenderpal vaidya
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
Ram Krishan Rastogi
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
Paras Nath Jha
दर्द का बस
दर्द का बस
Dr fauzia Naseem shad
अजी क्षमा हम तो अत्याधुनिक हो गये है
अजी क्षमा हम तो अत्याधुनिक हो गये है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...