Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2018 · 3 min read

रिश्तों को बनाए रखने के लिए संवाद महत्वपूर्ण

प्रसंग -१

पत्नी : पति महोदय मेरे मन में एक ऐसा विचार आ रहा है कि मैं रोज सुबह अपने स्वास्थ्य के लिए घूमने जाऊंगी ।पति : अच्छा विचार है, अवश्य ही घूमने जाना चाहिए ।

प्रसंग -२

पति : मुझे हर रविवार को बाहर घूमने जाना बेहद पसंद हैं ।पत्नी : क्यों जी हर रविवार को बाहर ही क्यों जाना है घूमने, कभी-कभी रविवार को घर पर रहना भी अच्छा लगता है ।पति : ठीक है, चलेगा विचार अच्छा है ।

प्रसंग -३

पति : हर शनिवार-रविवार का समय मैं केवल अपनी पत्नी के लिए आरक्षित किया है ।पत्नी : थोड़ा मुस्कुराते हुए, वाह अवश्य ही मुझे भी बहुत अच्छा लगेगा ।

प्रसंग -४

पति : अरे मेरी प्यारी पत्नी जी कल से घर के “आधे कार्य मैं करूंगा और आधे कार्य तुम करोगी” चलेगा ?पत्नी : हां जी बिल्कुल चलेगा ।

इन संवादों को पढ़ने के उपरांत अपने को यह प्रतीत होता है कि पति-पत्नी के रिश्ते ये प्रतिदिन के विचारों का आदान-प्रदान ही है । पति-पत्नी में अच्छे संवाद जारी रहना बहुत ही आवश्यक है । आपस में संवाद या वार्तालाप होना भी एक प्रकार से अपने विचार प्रकट करना ही है और क्यो न हो होना भी चाहिए, नहीं तो एक दूसरे के स्वभाव के बारे में पता कैसे चलेगा ?

अपने रिश्ते को अटूट बनाए रखने के लिए संवाद या विचारों का आदान-प्रदान होना आवश्यक ही है । पति-पत्नी को आपस में एक-दूसरे की अपेक्षाओं, विचारों, पसंद-नापसंद एवं रहन-सहन इत्यादि के बारे में जानकारी होनी चाहिए , तभी जीवन में जिंदगी साथ में बिताना आसान हो जाता है ।आजकल पति-पत्नी को आपसी समझ और सहमति से अपने रिश्ते में उचित तालमेल बिठाना आवश्यक है । यदि दोनों नौकरी करते हों तो और भी बहुत कुछ उपयोगी बातें ध्यान में रखते हुए जीवन निर्वाह करने की कोशिश करनी चाहिए ।

पति-पत्नी का रिश्ता एक कांच जैसा और बेशक सुई-धागे जैसा भी कह सकते हैं । वैसे तो परिवार में सभी रिश्तों को निभाने की कोशिश करते हुए ही दुनियादारी निभाते हैं परन्तु पति-पत्नी के रिश्ते में एक अलग ही प्यार का अहसास शामिल रहता है तभी तो वे एक-दूसरे को आपसी समझ से समझते हुए अपने प्रेम एवं स्नेह से अभिभूत रहते हैं और तभी रिश्ता भी टिका रहता है ।

इसीलिए आजकल विवाह बंधन में बांधने की विधि से पूर्व किसी के भी बेटे एवं बेटी के विचार जानने के पश्चात ही विवाह की बात निश्चित की जाती है । विवाह के पहले किसी भी पुत्र या पुत्री को आपस में अपने विचार व्यक्त करने देना आवश्यक हो गया है ताकि बाद में विचारों में मतभेद हों तो रिश्ते टूटने का डर रहता है और बच्चे होने के बाद और भी कठीन हो जाता है । जिसका सीधा प्रभाव बच्चों की जिंदगी पर पड़ता है और फिर उनका सुनहरा उज्जवल भविष्य भी पति-पत्नी के अनमोल रिश्ते पर ही निर्भर करता है, अतः इस पति-पत्नी के कांच एवं सुई-धागे जैसे इस पवित्र रिश्ते की एक मिसाल कायम करने में हमें आने वाली पीढ़ी को सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है ।

वर्तमान में अखबारों में एवं तमाम न्यूज चैनल इत्यादि पर तलाक के मामले , आत्म-हत्या के मामले एवं दहेज के लिए परेशान करने के मामले इत्यादि के बारे में बहुत कुछ सुनने में आता है और साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी बहुत गुमराह करने की कोशिश की जाती है ।

यदि विवाह निश्चित करने की बात चल रही है और किसी के भी पुत्र या पुत्री चाहे भारत में कार्यरत हों या कोई बाहरी देश में, उसकी पूर्ण रूप से जानकारी प्राप्त करने के पश्चात ही आगामी विधियां प्रारंभ करना चाहिए और फिर उनको अपने आपस में विचारों का आदान-प्रदान भी विवाह के पूर्व कर ही लेना चाहिए, नहीं तो बाद में विचार नहीं मिलने पर भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । कुछ रिश्ते ऐसे टिके तो रहते हैं पर प्रेम-स्नेह के साथ स्थापित रिश्तों को कायम रखने की बात ही कुछ और है कर्मों कि यही रिश्ता आनेवाली पीढ़ी के लिए एक धरोहर है ।

यही आनेवाली पीढ़ी के बेटे और बेटी जो हमारे घर के लिए तो काबिल साबित होंगे ही पर अपने देश का भविष्य भी इन्हीं युवा पीढ़ी के हाथों में है तभी तो वे एक अच्छी मिसाल कायम करते हुए अपने माता-पिता एवं देश का नाम रोशन करने में कामयाब होंगे ।

अंत में आप समस्त पाठकों को मेरे लेख पढ़ने एवं पसंद करने के लिए आभार व्यक्त करती हूं और आशा करती हूं कि आप इस लेख को भी अवश्य ही पसंद करेंगे और अपने विचार व्यक्त करेंगे ।

धन्यवाद आपका। ।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aarti Ayachit
View all
You may also like:
4. गुलिस्तान
4. गुलिस्तान
Rajeev Dutta
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
Shubham Pandey (S P)
माँ का जग उपहार अनोखा
माँ का जग उपहार अनोखा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
💐अज्ञात के प्रति-52💐
💐अज्ञात के प्रति-52💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन में भी
जीवन में भी
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी एक किराये का घर है।
जिंदगी एक किराये का घर है।
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
बदला सा व्यवहार
बदला सा व्यवहार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
हिन्दी दोहा- बिषय- कौड़ी
हिन्दी दोहा- बिषय- कौड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
Neelam Sharma
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्या अजीब बात है
क्या अजीब बात है
Atul "Krishn"
* शुभ परिवर्तन *
* शुभ परिवर्तन *
surenderpal vaidya
कान्हा मन किससे कहे, अपने ग़म की बात ।
कान्हा मन किससे कहे, अपने ग़म की बात ।
Suryakant Dwivedi
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नेता जी शोध लेख
नेता जी शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
चलो स्कूल
चलो स्कूल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क्या आप उन्हीं में से एक हैं
क्या आप उन्हीं में से एक हैं
ruby kumari
"महंगा तजुर्बा सस्ता ना मिलै"
MSW Sunil SainiCENA
जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए।
जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए।
Dr MusafiR BaithA
सोच
सोच
Sûrëkhâ Rãthí
अद्भुद भारत देश
अद्भुद भारत देश
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
वो सोचते हैं कि उनकी मतलबी दोस्ती के बिना,
वो सोचते हैं कि उनकी मतलबी दोस्ती के बिना,
manjula chauhan
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
लवकुश यादव "अज़ल"
जो
जो "अपने" का नहीं हुआ,
*Author प्रणय प्रभात*
3072.*पूर्णिका*
3072.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तपन ऐसी रखो
तपन ऐसी रखो
Ranjana Verma
"आशिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
रुकना हमारा काम नहीं...
रुकना हमारा काम नहीं...
AMRESH KUMAR VERMA
Loading...