Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2019 · 1 min read

रिश्ते

रिश्ते

सुन ये अजनबी ,
प्रेम की अभिव्यक्ति ।
कागज में परिणित,
बताओ तुम क्या रिश्ते हो।
छुप छुप के बातें,
होती संचार मशीन में।
ध्वनि की मधुर तरंगे,
अपनापन लगती हो।
तुझे देखने के लिए,
नैन तरसे मोहतरमा।
झलक दिखाओ,
बताओ आखिर क्या लगते हो।
पुरानी यादें को भी,
रोज ताजा करती।
दिल को गुदगुदाती,
मन मंदिर में बसती हो।
हजारों में एक तु ही,
दिल से मस्त लगती हो।
मुस्कान से मैं फिदा,
इशारों में बात करती हो।
तोड़ दो बेड़ियाँ,
कह दो इन जमानों को।
जुड़ जाये अब दो दिल,
बंध जाय अटूट रिश्ते की।
_____________&&&_________
रचनाकार डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बिलाईगढ़,बलौदाबाजार (छ. ग.)
मो. 8120587822

Language: Hindi
2 Likes · 201 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
काँटा ...
काँटा ...
sushil sarna
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
Raju Gajbhiye
सत्संग
सत्संग
पूर्वार्थ
वफ़ा के बदले हमें वफ़ा न मिला
वफ़ा के बदले हमें वफ़ा न मिला
Keshav kishor Kumar
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
जगदीश शर्मा सहज
विचार सरिता
विचार सरिता
Shyam Sundar Subramanian
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
Gouri tiwari
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
gurudeenverma198
मित्रता का मोल
मित्रता का मोल
DrLakshman Jha Parimal
कसम है तुम्हें भगतसिंह की
कसम है तुम्हें भगतसिंह की
Shekhar Chandra Mitra
मन डूब गया
मन डूब गया
Kshma Urmila
"मैं सब कुछ सुनकर मैं चुपचाप लौट आता हूँ
दुष्यन्त 'बाबा'
"औरत”
Dr Meenu Poonia
*बिटिया रानी पढ़ने जाती {बाल कविता}* ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
*बिटिया रानी पढ़ने जाती {बाल कविता}* ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
Ravi Prakash
फर्क तो पड़ता है
फर्क तो पड़ता है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
In lamho ko kaid karlu apni chhoti mutthi me,
In lamho ko kaid karlu apni chhoti mutthi me,
Sakshi Tripathi
*दया*
*दया*
Dushyant Kumar
फितरत
फितरत
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
🙅एक न एक दिन🙅
🙅एक न एक दिन🙅
*Author प्रणय प्रभात*
23/132.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/132.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्य कर्म की सीढ़ी चढ़कर,बिना किसी को कष्ट दिए जो सफलता प्रा
सत्य कर्म की सीढ़ी चढ़कर,बिना किसी को कष्ट दिए जो सफलता प्रा
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
💐प्रेम कौतुक-299💐
💐प्रेम कौतुक-299💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कहानी- 'भूरा'
कहानी- 'भूरा'
Pratibhasharma
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
आंधियों से हम बुझे तो क्या दिए रोशन करेंगे
आंधियों से हम बुझे तो क्या दिए रोशन करेंगे
कवि दीपक बवेजा
इतना रोई कलम
इतना रोई कलम
Dhirendra Singh
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
"फ़िर से तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
जिन्दगी के हर सफे को ...
जिन्दगी के हर सफे को ...
Bodhisatva kastooriya
तुम बिन जीना सीख लिया
तुम बिन जीना सीख लिया
Arti Bhadauria
Loading...