Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2018 · 1 min read

रिश्ते

रिश्तों को तो जोड़ती, सदा प्रीत की डोर
मगर तोड़ देता इन्हें, मन के शक का चोर
मन के शक का चोर,न आगे बढ़ने देना
लेगा सब कुछ लूट, न हल्के में ये लेना
करके सोच विचार, बनाना सम्बन्धों को
रखना खूब सहेज,यहाँ अपने रिश्तों को

20-02-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

302 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
शेखर सिंह
माँ
माँ
Vijay kumar Pandey
Ye ayina tumhari khubsoorti nhi niharta,
Ye ayina tumhari khubsoorti nhi niharta,
Sakshi Tripathi
हे ! गणपति महाराज
हे ! गणपति महाराज
Ram Krishan Rastogi
अपनेपन की रोशनी
अपनेपन की रोशनी
पूर्वार्थ
संत गोस्वामी तुलसीदास
संत गोस्वामी तुलसीदास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
कवि दीपक बवेजा
" जिन्दगी के पल"
Yogendra Chaturwedi
"सन्त रविदास जयन्ती" 24/02/2024 पर विशेष ...
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"गंगा माँ बड़ी पावनी"
Ekta chitrangini
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
2841.*पूर्णिका*
2841.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बापक भाषा
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*दफ्तर बाबू फाइलें,अफसर मालामाल 【हिंदी गजल/दोहा गीतिका】*
*दफ्तर बाबू फाइलें,अफसर मालामाल 【हिंदी गजल/दोहा गीतिका】*
Ravi Prakash
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
Bhupendra Rawat
बात तनिक ह हउवा जादा
बात तनिक ह हउवा जादा
Sarfaraz Ahmed Aasee
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet kumar Shukla
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
Dr. ADITYA BHARTI
ख़ुद को ख़ोकर
ख़ुद को ख़ोकर
Dr fauzia Naseem shad
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
Anis Shah
गुब्बारे की तरह नहीं, फूल की तरह फूलना।
गुब्बारे की तरह नहीं, फूल की तरह फूलना।
निशांत 'शीलराज'
आज तू नहीं मेरे साथ
आज तू नहीं मेरे साथ
हिमांशु Kulshrestha
उसी पथ से
उसी पथ से
Kavita Chouhan
ये  भी  क्या  कमाल  हो  गया
ये भी क्या कमाल हो गया
shabina. Naaz
पितृ दिवस पर....
पितृ दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
Ritu Asooja
आईना
आईना
Sûrëkhâ Rãthí
एक सपना
एक सपना
Punam Pande
"टिकमार्क"
Dr. Kishan tandon kranti
■ सीधी बात...
■ सीधी बात...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...