Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jan 2019 · 1 min read

राही चल ! चलना तेरा काम है……

राहे है बहुत पर मंजिल तो तेरी एक ही है
चल रहा जिस राह पर वो राह भी तो नेक है
मंज़िल से पहले करना नही आराम है
राही चल चलना तेरा काम हैं ।….. 1
मुस्किलो में रुकना नही ,
दुश्मनो के आगेे झुकना नही ,
रास्ते मे आएंगे काटे बहुत,
मगर तू रुकना नही |
राही चल चलना तेरा काम है।…..2
मिलेंगे तुझे कई राहगीर ,जिनकी मंजिल आसान है
विचलित करना जिन का काम है
मगर तू भटकना नही तू अपनी राह से
चल राही चलना तेरा काम है ।……3
बच कर रहना दुनिया कि मोह माया से
जाल इसका विशाल है ,भटकाना भी इसी का काम है
अगर दृण लक्ष्य है तुम्हार तो मंज़िल तुम्हारी आसान है
राही चल चलना तेरा काम है। …..4
-भगीरथ प्रजापति

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 503 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
कविता का प्लॉट (शीर्षक शिवपूजन सहाय की कहानी 'कहानी का प्लॉट' के शीर्षक से अनुप्रेरित है)
कविता का प्लॉट (शीर्षक शिवपूजन सहाय की कहानी 'कहानी का प्लॉट' के शीर्षक से अनुप्रेरित है)
Dr MusafiR BaithA
वो एक ही शख्स दिल से उतरता नहीं
वो एक ही शख्स दिल से उतरता नहीं
श्याम सिंह बिष्ट
#कहमुकरी
#कहमुकरी
Suryakant Dwivedi
*मिक्सी से सिलबट्टा हारा (बाल कविता)*
*मिक्सी से सिलबट्टा हारा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
यह रंगीन मतलबी दुनियां
यह रंगीन मतलबी दुनियां
कार्तिक नितिन शर्मा
सुप्रभात प्रिय..👏👏
सुप्रभात प्रिय..👏👏
आर.एस. 'प्रीतम'
ये बेटा तेरा मर जाएगा
ये बेटा तेरा मर जाएगा
Basant Bhagawan Roy
नया युग
नया युग
Anil chobisa
बदली - बदली हवा और ये जहाँ बदला
बदली - बदली हवा और ये जहाँ बदला
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चिंता
चिंता
RAKESH RAKESH
तेरी मिट्टी के लिए अपने कुएँ से पानी बहाया है
तेरी मिट्टी के लिए अपने कुएँ से पानी बहाया है
'अशांत' शेखर
जिन्हें बुज़ुर्गों की बात
जिन्हें बुज़ुर्गों की बात
*Author प्रणय प्रभात*
"चिता"
Dr. Kishan tandon kranti
जय अम्बे
जय अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
Arvind trivedi
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
Anand Kumar
चन्द्र की सतह पर उतरा चन्द्रयान
चन्द्र की सतह पर उतरा चन्द्रयान
नूरफातिमा खातून नूरी
आंखों में भरी यादें है
आंखों में भरी यादें है
Rekha khichi
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसाँ...नदियों को खाकर वो फूला नहीं समाता है
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसाँ...नदियों को खाकर वो फूला नहीं समाता है
अनिल कुमार
पतझड़ से बसंत तक
पतझड़ से बसंत तक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
💐प्रेम कौतुक-363💐
💐प्रेम कौतुक-363💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अपनी बड़ाई जब स्वयं करनी पड़े
अपनी बड़ाई जब स्वयं करनी पड़े
Paras Nath Jha
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
चश्मा,,,❤️❤️
चश्मा,,,❤️❤️
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कुछ सपने आंखों से समय के साथ छूट जाते हैं,
कुछ सपने आंखों से समय के साथ छूट जाते हैं,
manjula chauhan
नाम के अनुरूप यहाँ, करे न कोई काम।
नाम के अनुरूप यहाँ, करे न कोई काम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
भोर होने से पहले .....
भोर होने से पहले .....
sushil sarna
Loading...