Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2017 · 1 min read

राष्ट्र वही है विकसित जागी जहाँ जवानी

(मुक्त छंद)
अटल आत्मविश्वास, बज्र-सा मानस तेरा |
जिस दिन बन जाएगा उस दिन नया सवेरा||
दिखलायेगा उन्नति का सूरज चढ़ता-सा|
होगा सत्यानाश दीनता औ जड़ता का ||
कह “नायक” कविराय बनो मानव तुम ज्ञानी|
राष्ट्र वही है विकसित जागी जहाँ जवानी||

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

यह मुक्त छंद “दैनिकअमर उजाला समाचार पत्र” कानपुर में दिनांक -4 मई 1999 को पृष्ठ संख्या 6 पर “खास खत” के रूप में प्रकाशित मेरे लेख “राष्ट्र वही है विकसित जागी जहां जवानी ” के अंत में प्रकाशित हो चुका है|

वर्ष 1999 में मैं”उरई” में रहता था |

बृजेश कुमार नायक
सम्पर्क सूत्र – 9455423376
whatsaap-9956928367

Language: Hindi
632 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
राखी प्रेम का बंधन
राखी प्रेम का बंधन
रवि शंकर साह
स्वाभिमान
स्वाभिमान
अखिलेश 'अखिल'
मां जब मैं रोजगार पाऊंगा।
मां जब मैं रोजगार पाऊंगा।
Rj Anand Prajapati
त्यागकर अपने भ्रम ये सारे
त्यागकर अपने भ्रम ये सारे
Er. Sanjay Shrivastava
💐प्रेम कौतुक-361💐
💐प्रेम कौतुक-361💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
2456.पूर्णिका
2456.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बेटियाँ
बेटियाँ
Surinder blackpen
राम से बड़ा राम का नाम
राम से बड़ा राम का नाम
Anil chobisa
*धारा सत्तर तीन सौ, अब अतीत का काल (कुंडलिया)*
*धारा सत्तर तीन सौ, अब अतीत का काल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
महफिले सजाए हुए है
महफिले सजाए हुए है
Harminder Kaur
हिय  में  मेरे  बस  गये,  दशरथ - सुत   श्रीराम
हिय में मेरे बस गये, दशरथ - सुत श्रीराम
Anil Mishra Prahari
पर्यावरण
पर्यावरण
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Love
Love
Kanchan Khanna
होता अगर मैं एक शातिर
होता अगर मैं एक शातिर
gurudeenverma198
कुछ तुम कहो जी, कुछ हम कहेंगे
कुछ तुम कहो जी, कुछ हम कहेंगे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
Neeraj Agarwal
जिंदगी के कोरे कागज पर कलम की नोक ज्यादा तेज है...
जिंदगी के कोरे कागज पर कलम की नोक ज्यादा तेज है...
कवि दीपक बवेजा
"काश"
Dr. Kishan tandon kranti
#लघु_कविता
#लघु_कविता
*Author प्रणय प्रभात*
स्त्री:-
स्त्री:-
Vivek Mishra
चलो...
चलो...
Srishty Bansal
राखी की सौगंध
राखी की सौगंध
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
Neelam Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
विमला महरिया मौज
मनुज से कुत्ते कुछ अच्छे।
मनुज से कुत्ते कुछ अच्छे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran
"Don't be fooled by fancy appearances, for true substance li
Manisha Manjari
हरिगीतिका छंद
हरिगीतिका छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मुक्तक
मुक्तक
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...