राष्ट्र धर्म सबसे महान
सभी धर्मों से बड़ा है राष्ट्र-धर्म ,
यदि कोई जान ले इसका मर्म ।
तो क्योंकर वो राष्ट्र द्रोह करे ,
वो सबसे बड़ा द्रोही गर द्रोह करे ।
वही गीता अपनी वही कुरान ,
वही बाइबल वही वेद-पुराण ।
जोड़े जो सभी धर्मों को एकसूत्र में ,
उन सभी धर्मों का सार है राष्ट्र धर्म ।
हमारा तो जीवन भी यही ,
और संस्कार भी है यही ,
तो अपने स्वार्थ से बढ़कर है राष्ट्र धर्म ।
इसका शत्रु है हमारा शत्रु ,
कोई छु कर देखे इसका दामन !,
उस शत्रु का संहार करना ही है राष्ट्र धर्म ।
अपना है सही में वही ,
जो हर दुख -सुख में साथ हो ,
राष्ट्र की विकट परीस्थितियों में जो ,
कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना है राष्ट्रधर्म ।
हर रिश्ते से सर्वोच है एक रिश्ता ,
हम हैं जिसकी संतान,हमारी भारत माता ,
उसपर जीवन न्योछावर करना है राष्ट्र धर्म ।
वास्तव में विश्व में सबसे महान है राष्ट्र -धर्म ।