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30 Sep 2017 · 1 min read

रावण

रावन पर था ज्ञान का, बहुत बड़ा भंडार
लेकिन कर्मों से बना , दुष्टों का अवतार
दुष्टों का अवतार ,जलाया इसको जाता
किया एक ही पाप, सज़ा बस उसकी पाता
मगर ‘अर्चना ‘आज, डरा रहता है हर मन
पग पग पर ही आज,मिलें अज्ञानी रावन

डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

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