Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Sep 2017 · 1 min read

रावण की ओर से शुभ कामनाएँ दशहरे की

हँसकर रावण बोल रहा है
आज यदि होते श्री राम
कितने रावण मार गिराते ?
इतने तीर कहाँ से लाते ?
आ भी जाते
चल भी जाते
बचता कौन ?
सभी तो है अहं के मारे
सब मारे जाते
कुछ गिने चुने ही बच पाते ।

मुझे जलाने वाले लोगो
मुझ में तुम बहुत फर्क है
मैंने हरण किया सीता का
तुम तो चीर हरण करते हो
कितना बड़ा पाप करते हो
पहले अपना अहं जलाओ
फिर जलाना मुझको
अहं तुम्हारा जल जाए
तुम तदंतर
दीवाली को दीप जलाना ।

Language: Hindi
337 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Laxmi Narayan Gupta
View all
You may also like:
!!! नानी जी !!!
!!! नानी जी !!!
जगदीश लववंशी
तेरी चाहत का कैदी
तेरी चाहत का कैदी
N.ksahu0007@writer
आजा माँ आजा
आजा माँ आजा
Basant Bhagawan Roy
दिन भर रोशनी बिखेरता है सूरज
दिन भर रोशनी बिखेरता है सूरज
कवि दीपक बवेजा
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
Keshav kishor Kumar
श्रेष्ठ वही है...
श्रेष्ठ वही है...
Shubham Pandey (S P)
हार जाते हैं
हार जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
Manju sagar
सुकून
सुकून
Neeraj Agarwal
रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है।
रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है।
प्रेमदास वसु सुरेखा
*कुछ कहा न जाए*
*कुछ कहा न जाए*
Shashi kala vyas
■FACT■
■FACT■
*Author प्रणय प्रभात*
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
Anil chobisa
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
*कहाँ वह बात दुनिया में, जो अपने रामपुर में है【 मुक्तक 】*
*कहाँ वह बात दुनिया में, जो अपने रामपुर में है【 मुक्तक 】*
Ravi Prakash
जीवन की इतने युद्ध लड़े
जीवन की इतने युद्ध लड़े
ruby kumari
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"प्रेम के पानी बिन"
Dr. Kishan tandon kranti
" खुशी में डूब जाते हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
दोहा पंचक. . . क्रोध
दोहा पंचक. . . क्रोध
sushil sarna
मुझे धरा पर न आने देना
मुझे धरा पर न आने देना
Gouri tiwari
💐प्रेम कौतुक-198💐
💐प्रेम कौतुक-198💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2383.पूर्णिका
2383.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ख्वाहिशों की ना तमन्ना कर
ख्वाहिशों की ना तमन्ना कर
Harminder Kaur
दिल की दहलीज़ पर जब भी कदम पड़े तेरे।
दिल की दहलीज़ पर जब भी कदम पड़े तेरे।
Phool gufran
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
.....,
.....,
शेखर सिंह
सत्य
सत्य
Dinesh Kumar Gangwar
Loading...