Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2016 · 2 min read

रावणों के राज में [ वर्णिक छंद में लम्बी तेवरी/तेवर चालीसा ] +रमेशराज

पागलों के साथ है
मानो आज राजनीति दानवों के साथ है। 1

आज मत पूछिए
भीम जैसा दल-बल कौरवों के साथ है। 2

तम-भरी रात में
हादसा-सा रोज एक दीपकों के साथ है। 3

कैसा है विकास ये
पेट-भर जल, जन दो चनों के साथ है। 4

हड़पे कल खेत
आज भारी नाप-तौल पोखरों के साथ है। 5

झौपड़ी न तोडि़ए
देखिए उसे जो कार-कोठियों के साथ है। 6

मेघो जल दो वहाँ
माटी बीच खाद जहाँ अंकुरों के साथ है। 7

रेप की छपे न्यूज
फूल जैसी नारि एक लोफरों के साथ है। 8

कैसा ये लोकतंत्र
राजनीति जातपाँत कुनबों के साथ है। 9

क्रान्तिवाली चेतना
मीरजाफरों के आज वंशजों के साथ है। 10

बुद्धिजीवी चिन्तन
गाँजे और सुलफे की चिलमों के साथ है। 11

कैसी प्रतियोगिता !
दौड़ बीच देश पंगु धावकों के साथ है। 12

कीजे निजीकरण
कौन रहा इस युग शोषितों के साथ हैं? 13

मौत का नंग नाच
यम देवता वरुण रावणों के साथ है। 14

हर राग बेसुरा
काग जैसा स्वर आज कोयलों के साथ है। 15

फुटपाथ पै कर
सदभावना न आज खौमचों के साथ है। 16

जन को न रोटियाँ
नेता ब्रैड टोस्ट करी बोटियों के साथ है। 17

कैसे हो नदी पार
बिना पके फिर सोहनी घड़ों के साथ है। 18

कैसा है सुराज ये?
घोटालों की नेता आज चरचों के साथ है। 19

निवेश ले विदेशी
सोच मत सोच, देश साँकलों के साथ है। 20

कैंचियों के देश में
एक भी कपोत कहाँ पै परों के साथ है? 21

आदमी को देख के
पेड़ बोले-देख ले कुल्हाडि़यों के साथ हैं। 22

द्रौपदी बिकी देख
दुःशासन सभा बीच ठहाकों के साथ है। 23

चाकू-छुरी हाथ में
आज का इन्सान यूँ मजहबों के साथ है। 24

कोठरी में साधु की
‘रेप’ बाजे ढोल ताशे चीमटेों के साथ है। 25

संत है विरागी यूँ
ब्रह्मचर्य चार-चार बीवियों के साथ है। 26

झपटेगा जरूर
आज यदि चुप बाघ मैमनों के साथ है। 27

पौध मत रोप तू
भूमि उपजाऊ कहाँ कंकड़ों के साथ है। 28

घौंसला तभी बने
जुड़ा हुआ हर तृण जो तृणों के साथ है। 29

हम में दाग नहीं
बोल रहा वह आज जो छलों के साथ हैं 30

‘बम’-सा मत रख
जहाँ हर किस्सा किलकारियों के साथ है। 31

सुख-संघर्ष बीच
हर्ष जैसी भावना भी तो दुःखों के साथ है। 32

चाल दुष्ट द्रोण की
एकलव्य आज कटे बाजुओं के साथ है। 33

हम रहे होश में
बहकी हुई जिन्दगी मैकशों के साथ है। 34

त्याग से रहे दूर
ध्यान शान आन बान तो मठों के साथ है। 35

रावणों के राज में
पाँव-बलविहीनता अंगदों के साथ है। 36

कैसा समूह-गान?
आदमी भी रैंक रहा गर्दभों के साथ है। 37

कैसी कदमताल?
एक भी न पग मग में मगों के साथ है। 38

मुर्दों में डालें जान
हौसला हमारा आज बेबसों के साथ है। 39

लोग पायलों बीच
तेवरी की भावना व्याकुलों के साथ है। 40
——————————————————————
+रमेशराज,15/109, ईसानगर, अलीगढ़-202001
Mo.-9634551630

Language: Hindi
236 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पेड़ पौधों के बिना ताजी हवा ढूंढेंगे लोग।
पेड़ पौधों के बिना ताजी हवा ढूंढेंगे लोग।
सत्य कुमार प्रेमी
उफ़ ये अदा
उफ़ ये अदा
Surinder blackpen
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
Vicky Purohit
*रानी ऋतुओं की हुई, वर्षा की पहचान (कुंडलिया)*
*रानी ऋतुओं की हुई, वर्षा की पहचान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#हाइकू ( #लोकमैथिली )
#हाइकू ( #लोकमैथिली )
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है
gurudeenverma198
"असल बीमारी"
Dr. Kishan tandon kranti
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
Shashi kala vyas
आबूधाबी में हिंदू मंदिर
आबूधाबी में हिंदू मंदिर
Ghanshyam Poddar
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
Mahender Singh
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
Ankur Rawat
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
Rj Anand Prajapati
💐अज्ञात के प्रति-115💐
💐अज्ञात के प्रति-115💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
Rajesh vyas
हम जब लोगों को नहीं देखेंगे जब उनकी नहीं सुनेंगे उनकी लेखनी
हम जब लोगों को नहीं देखेंगे जब उनकी नहीं सुनेंगे उनकी लेखनी
DrLakshman Jha Parimal
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
Keshav kishor Kumar
చివరికి మిగిలింది శూన్యమే
చివరికి మిగిలింది శూన్యమే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
उसको फिर उससा
उसको फिर उससा
Dr fauzia Naseem shad
छोड़ कर मुझे कहा जाओगे
छोड़ कर मुझे कहा जाओगे
Anil chobisa
जन पक्ष में लेखनी चले
जन पक्ष में लेखनी चले
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
💐श्री राम भजन💐
💐श्री राम भजन💐
Khaimsingh Saini
फ़ितरत
फ़ितरत
Manisha Manjari
2342.पूर्णिका
2342.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ सोच लेना...
■ सोच लेना...
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...