Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2018 · 1 min read

रामराज

रामराज की बातें याद करके, भाव विभोर हो जाते हैं हम,
और कलयुग के राम में रावण का रूप पाते हैं हम ।
कल इंसान दूसरों के लिए,
खुद को कुर्बान करता था
आज खुद के लिए, दूसरों को कुर्बान करता है।
सच तो यह है कि,
आज का हर कामयाब इंसान, दूसरों की कब्र पर अपनी दुनिया आबाद करता है ।
कल तक देवी का रूप समझने वाली लड़कियों की जिंदगी भी बदल गई है ,
मां बाप के सिर का बोझ बनकर आज वो रह गई है।
बोझ बनने का कारण तो पूछिए जनाब,
इन दहेज के लोभियों ने इंसानियत का नाम मिटा दिया है,
लड़कियों की जिंदगी को जंजाल बना दिया है।
इन पुरुषों ने समझा है लड़की को हमेशा पैर की जूती ,
आज जब निकल रही है लड़कियां आगे इनसे तो जलन इन को क्यों ना होगी।
आज इंसान की हैवानियत को देखा है, इसने तो इंसान की जान को भी पैसों में तोला है।
इस 21वीं सदी में इंसान ने इंसानों के हर रिश्ते को बदनाम किया है,
हैवानियत का मंजर दिखाकर कुदरत के नियम का भी बहिष्कार किया है।

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 344 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त  - शंका
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त - शंका
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हम तुमको अपने दिल में यूँ रखते हैं
हम तुमको अपने दिल में यूँ रखते हैं
Shweta Soni
मिलन
मिलन
Bodhisatva kastooriya
अपनी पहचान को
अपनी पहचान को
Dr fauzia Naseem shad
एक मुक्तक
एक मुक्तक
सतीश तिवारी 'सरस'
*खाऍं मेवा से भरे, प्रतिदिन भर-भर थाल (कुंडलिया)*
*खाऍं मेवा से भरे, प्रतिदिन भर-भर थाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"आत्म-निर्भरता"
*Author प्रणय प्रभात*
3290.*पूर्णिका*
3290.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
💐प्रेम कौतुक-228💐
💐प्रेम कौतुक-228💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
The enchanting whistle of the train.
The enchanting whistle of the train.
Manisha Manjari
पुलवामा वीरों को नमन
पुलवामा वीरों को नमन
Satish Srijan
महंगाई के इस दौर में भी
महंगाई के इस दौर में भी
Kailash singh
बाल कविता: मेरा कुत्ता
बाल कविता: मेरा कुत्ता
Rajesh Kumar Arjun
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
Dushyant Kumar
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
Anil chobisa
इससे सुंदर कोई नही लिख सकता 👌👌 मन की बात 👍बहुत सुंदर लिखा है
इससे सुंदर कोई नही लिख सकता 👌👌 मन की बात 👍बहुत सुंदर लिखा है
Rachna Mishra
खुशी पाने की जद्दोजहद
खुशी पाने की जद्दोजहद
डॉ० रोहित कौशिक
अपराध बोध (लघुकथा)
अपराध बोध (लघुकथा)
दुष्यन्त 'बाबा'
ज़िन्दगी के सफर में राहों का मिलना निरंतर,
ज़िन्दगी के सफर में राहों का मिलना निरंतर,
Sahil Ahmad
सुख- दुःख
सुख- दुःख
Dr. Upasana Pandey
कैनवास
कैनवास
Mamta Rani
मुस्कान
मुस्कान
Surya Barman
*मेरे साथ तुम हो*
*मेरे साथ तुम हो*
Shashi kala vyas
Mohabbat
Mohabbat
AMBAR KUMAR
लत / MUSAFIR BAITHA
लत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
कुछ लोग बड़े बदतमीज होते हैं,,,
कुछ लोग बड़े बदतमीज होते हैं,,,
विमला महरिया मौज
जनता के आवाज
जनता के आवाज
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
अनिल कुमार
Loading...