Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2020 · 1 min read

राज दरबारी

राज-दरबारी

वो हैं बड़े लेखक
नवाजा जाता है उन्हें
खिताबों से
दी जाती है
सरकार द्वारा सुविधाएं
नाना प्रकार की
बदले में
मिलाते हैं वे कदम-ताल
सरकार से
कर रहे हैं निर्वहन
राज-दरबारियों की
परम्परा का
उनकी लेखनी ने
मोड़ लिया मुंह
आमजन की वेदना से
हो गए बेमुख संवेदना से
चंद राजकीय
रियायतों के लिए

-विनोद सिल्ला©

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शब्द
शब्द
Ajay Mishra
बेटी
बेटी
Sushil chauhan
समय और स्त्री
समय और स्त्री
Madhavi Srivastava
बात खो गई
बात खो गई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
कवि दीपक बवेजा
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
ruby kumari
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यह नफरत बुरी है ना पालो इसे
यह नफरत बुरी है ना पालो इसे
VINOD CHAUHAN
सरस्वती वंदना-5
सरस्वती वंदना-5
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
Vedha Singh
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
Shubham Pandey (S P)
अभी बाकी है
अभी बाकी है
Vandna Thakur
रमेशराज के दो मुक्तक
रमेशराज के दो मुक्तक
कवि रमेशराज
जिन्दगी के रंग
जिन्दगी के रंग
Santosh Shrivastava
तू मेरे सपनो का राजा तू मेरी दिल जान है
तू मेरे सपनो का राजा तू मेरी दिल जान है
कृष्णकांत गुर्जर
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
2836. *पूर्णिका*
2836. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शान्त हृदय से खींचिए,
शान्त हृदय से खींचिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्यार,इश्क ही इँसा की रौनक है
प्यार,इश्क ही इँसा की रौनक है
'अशांत' शेखर
*आगे आनी चाहिऍं, सब भाषाऍं आज (कुंडलिया)*
*आगे आनी चाहिऍं, सब भाषाऍं आज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
नेताम आर सी
बो रही हूं खाब
बो रही हूं खाब
Surinder blackpen
"रफ-कॉपी"
Dr. Kishan tandon kranti
🙏श्याम 🙏
🙏श्याम 🙏
Vandna thakur
सपना
सपना
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राम की रहमत
राम की रहमत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*याद है  हमको हमारा  जमाना*
*याद है हमको हमारा जमाना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...